ताइवान द्वारा मुंबई में नए ‘ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र’ (TECC) की स्थापना
हाल ही में ताइवान ने मुंबई में नए “ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र” (TECC) की स्थापना की घोषणा की है।
TECC, ताइवान और भारत के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार व निवेश के अवसरों का विस्तार करने में मदद करेगा।
भारत की ‘एक चीन नीति’ के कारण भारत और ताइवान के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध कायम नहीं हुए हैं। दूतावास की अनुपस्थिति में TECC भारत में ताइवान के हितों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेगा।
TECC की स्थापना ताइवान की ‘चाइना-प्लस-वन रणनीति’ का हिस्सा है। इसका उद्देश्य व्यवसायों को चीन में अपनी उपस्थिति को बनाए रखते हुए चीन के बाहर भी अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना है ।
भारत-ताइवान संबंध
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2001 के 19 बिलियन डॉलर से लगभग छह गुना बढ़कर 2021 में करीब 7.7 बिलियन डॉलर हो गया था।
- ताइवान अपनी नई साउथबाउंड नीति के तहत, ताइवान और भारत के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति तथा लोगों के मध्य संबंधों में विनिमय व सहयोग को बढ़ावा देगा।
भारत के लिए ताइवान का महत्त्व –
- ताइवान लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए आवश्यक विश्व का करीब 70 प्रतिशत सेमीकंडक्टर और 90 प्रतिशत से अधिक सबसे एडवांस चिप का उत्पादन करता है।
- ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और यथास्थिति बनाए रखने में भारत के व्यापक हित हैं । ताइवान जलडमरूमध्य भारत के व्यापार के लिए एक प्रमुख बिंदु है ।
- ताइवान भारत के औद्योगिक उन्नयन और हाई-टेक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- ताइवान चीन को आर्थिक और तकनीकी रूप से संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्रोत – द हिन्दू