तमिलनाडु की सिरुवानी पहाड़ियों को तितली सुपर-हॉटस्पॉट घोषित
तमिलनाडु नेचर एंड बटरफ्लाई सोसाइटी (टीएनबीएस) द्वारा 6 वर्ष पहले एक अध्ययन आयोजित किया गया था। इसके बाद तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में स्थित सिरुवानी पहाड़ियों को तितली सुपर-हॉटस्पॉट के रूप घोषित कर दिया गया। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में पाई जाने वाली तितली प्रजातियों के कारण इस क्षेत्र को तितलियों के सुपर-हॉटस्पॉट के रूप में नामित किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- टीएनबीएस के सदस्यों ने मार्च, 2015 से दिसंबर, 2020 के बीच तमिलनाडु में 325 तितली प्रजातियाँ दर्ज की हैं। इन प्रजातियों में से240 प्रजातियाँ केवल सिरुवानी पहाड़ियों में ही पाई जाती हैं। यह अवधि के दौरान पाई जाने वाली कुल प्रजातियों का 74% है।
- टीएनबीएस में हॉटस्पॉट के रूप में एक स्थान को परिभाषित करने की एक पद्धति है। इस पद्धति के अनुसार, एक स्थान को हॉटस्पॉट के रूप में तब नामित किया जाता है। यदि राज्य की 25% चेकलिस्ट प्रजातियां एक ही क्षेत्र में पाई जाती हैं।
- टीएनबीएस ने अपनी रिपोर्ट जिला वन अधिकारी डी. वेंकटेश को सौंप दी और सिरुवानी पहाड़ियों को तितली हॉटस्पॉट घोषित करने की सिफारिश की।
- सिरुवानी में पाई जाने वाली 240 तितली प्रजातियां तितलियों के छह परिवारों- ब्रश-फूटिड (72), व्हाइट्स और येलो (28), ब्लूज़ (69), स्वॉलोटेल्स (17), स्किपर्स (53) और मेटलमार्क्स (1) से हैं।
भारत में जैव विविधता के हॉटस्पॉट (Biodiversity hotspots in India):
ऐसा क्षेत्र जहां पर बहुत अधिक जैव विविधता होती है, वहां पर विलुप्ति की कगार पर पहुंचने वाले दुर्लभ प्रजातियों की अधिकता होती है। इस क्षेत्र को बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट कहलाते हैं। इसकी अवधारणा सर्वप्रथम 1981 में नॉर्मन न्युमर्स ने प्रस्तुत की थी।
स्रोत –द हिन्दू