तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023
हाल ही में लोक सभा ने ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया है। इस विधेयक द्वारा तटीय जलकृषि प्राधिकरण (CAA) अधिनियम, 2005 में संशोधन किया जाएगा ।
वर्ष 2005 के CAA अधिनियम द्वारा तटीय जलकृषि प्राधिकरण की स्थापना की गई थी। इसे तटीय जलीय कृषि से जुड़ी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए स्थापित किया गया था ।
CAA अधिनियम, 2005 ने तटीय जलीय कृषि को तटीय विनियामक क्षेत्र (CRZ) अधिसूचना 1991 के तहत “निषेध खंड” से छूट प्रदान की है ।
ध्यातव्य है कि 2022 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने निर्णय दिया था कि CAA अधिनियम 2005 की धारा 27 तटीय जलीय कृषि को 2011 और 2019 में जारी CRZ अधिसूचनाओं से पूरी छूट नहीं देती है।
तटीय जलीय कृषि से तात्पर्य लवण युक्त या खारे जल में झींगा, सीप, मछली या अन्य जलीय जीवों के पालन से है ।
संशोधन विधेयक के मुख्य उपबंध
- तटीय जलीय कृषि और संबंधित गतिविधियों को CRZ के तहत अनुमति दी गई है। इस प्रकार, इन गतिविधियों को केवल CAA अधिनियम द्वारा ही विनियमित किया जाना जारी रहेगा।
- यह CRZ के भीतर ‘नो डेवलपमेंट जोन’ में न्यूक्लियस ब्रीडिंग तथा क्रीक / बैकवाटर में सीवीड कल्चर की अनुमति प्रदान करता है ।
CAA को सौंपे गए अतिरिक्त कार्य:
- जलीय कृषि इकाइयों में इनपुट के उपयोग तथा उनसे अपशिष्टों के प्रवाह के लिए मानक तय करना;
- मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले औषधीय रूप से सक्रिय पदार्थों, रोगाणुरोधी अभिकारकों या अन्य सामग्रियों के तटीय जल कृषि में उपयोग को प्रतिबंधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है आदि ।
- प्राधिकरण के सदस्य सचिव को केंद्र सरकार नियुक्त करेगी । यह CAA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य करेगा।
- अधिनियम के तहत कई तरह के कृत्यों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। साथ ही, अपराधों के मामले में केवल 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के बारे में
- CRZ अधिसूचना को केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत जारी किया है।
- इसका उद्देश्य तटीय क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियों का विनियमन करना है ।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है ।
स्रोत – द हिन्दू