राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पारित
हाल ही में लोक सभा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पारित किया है ।
यह विधेयक खेलों में डोपिंग रोधी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। साथ ही, यह खेल में डोपिंग के खिलाफ यूनेस्को के अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय को भी प्रभावी बनाता है। भारत ने भी इस अभिसमय की पुष्टि की है।
एथलीट अपना प्रदर्शन बेहतर के लिए कुछ प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन करते हैं। इसे ही डोपिंग कहा जाता है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- यह खेलों में एथलीटों, एथलीट के सहायक कर्मियों और अन्य व्यक्तियों को डोपिंग में शामिल होने से रोकता है।
- डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करने पर खेल के परिणाम को अयोग्य ठहराया जा सकता है। पदक एवं पुरस्कार छीने जा सकते हैं और निर्धारित अवधि के लिए खेल आयोजनों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसमें वित्तीय प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
- यह राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) को वैधानिक संस्था का दर्जा प्रदान करता है। इस संस्था का प्रमुख एक महानिदेशक होता है। इसकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
- NADA की स्थापना वर्ष 2005 में एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में की गई थी।
- खेलों में डोपिंग रोधी कार्य के लिए राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना की जाएगी। यह बोर्ड डोपिंग रोधी विनियमों पर सिफारिशें करेगा। साथ ही, डोपिंग-रोधी कार्यों से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
- यह बोर्ड एक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल गठित करेगा। यह डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के मामले में परिणामों का निर्धारण करेगा।
- यह बोर्ड एक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अपील पैनल भी गठित करेगा। इसमें अनुशासनात्मक पैनल के निर्णयों के खिलाफ अपील की जा सकती है।
- इस विधेयक में डोपिंग से निपटने में एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया गया है। साथ ही, यह एथलीटों को समयबद्ध न्याय दिलाने की भी बात करता है।
स्रोत –द हिन्दू