डिजियात्रा
- हाल ही में नागर विमानन मंत्रालय ने देश में तीन हवाई अड्डों के लिए डिजियात्रा को आरंभ किया है।
- डिजी यात्रा की कल्पना हवाई अड्डों पर यात्रियों के संपर्क रहित व निर्बाध आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए की गई है। यह फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) पर आधारित है।
- यह कागज रहित यात्रा की सुविधा प्रदान करती है। इसके उपयोग से हवाई अड्डे पर कई चेकपॉइंट्स पर बार-बार पहचान की जांच से बचा जा सकता है।
- आधार आधारित सत्यापन और स्वयं द्वारा ली गई एक फोटो को अपलोड करके डिजी यात्रा ऐप पर एक बार पंजीकरण आवश्यक है।
- इसके तहत, प्रत्येक यात्री को एक विशेष डिजी यात्रा आई.डी. दी जाती है ।
- एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में डिजी यात्रा फाउंडेशन (DYF) की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम का निर्माण करना है।
महत्त्व:
- चेहरे की पहचान तकनीक फायदेमंद है क्योंकि यह हवाईयात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाती है और हवाई अड्डों पर भीड़ कम करती है।
- दुबई, सिंगापुर, अटलांटा और नारिता (जापान) सहित दुनिया भर के विभिन्न हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रणाली ने दक्षता लाने में मदद की है। परिणामस्वरूप ये कम लागत पर संचालित होते हैं।
- वर्तमान मैनुअल प्रक्रियाओं को डिज़िटल स्वरूप प्रदान किया जाता है और बेहतर क्षमता लाने के लिये प्रयास किया जाता है
- सुरक्षा मानकों को बढ़ाया जाएगाऔर वर्तमान सिस्टम प्रदर्शन में सुधार किया जाएगा
- डिजीयात्रा के साथ भारत, हवाई अड्डों पर एक निर्बाध, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य जोखिम मुक्त प्रक्रिया के लिये एक नया वैश्विक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है
स्रोत – द हिन्दू