डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स (DBUs)
हाल ही में प्रधान मंत्री ने 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स (DBUs) राष्ट्र को समर्पित की है।
ये DBUs देश के 75 जिलों में स्थापित की जाएंगी। इसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई थी।
एक DBU डिजिटल अवसंरचना वाला एक बैंकिंग आउटलेट है। यहां किसी भी समय बैंकिंग उत्पाद और सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं।
यहां ये सेवाएं निम्नलिखित मोड में उपलब्ध होंगी: स्वयं सेवा मोड में और सहायता प्रदायगी मोड में।
DBUs की 2 मुख्य विशेषताएं होंगीः
- स्वयं सेवा क्षेत्रः ग्राहक ATM, नकद जमा मशीन, इंटरनेट बैंकिंग आदि का उपयोग कर सकते हैं।
- डिजिटल सहायता क्षेत्रः यह ग्राहकों को बचत खाता खोलने, चालू खाता खोलने आदि जैसी कई सेवाओं को शुरू करने में सहायता करेगा।
इससे पहले, RBI ने DBUs पर दिशा-निर्देश जारी किए थे।
DBUs पर दिशा–निर्देशों के कुछ प्रावधान निम्नलिखित हैं:
- डिजिटल बैंकिंग का अनुभव रखने वाले वाणिज्यिक बैंकों को DBUs खोलने की अनुमति है। हालांकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, पेमेंट बैंकों और लोकल एरिया बैंकों को इसकी अनुमति नहीं है।
- DBU को बैंकिंग आउटलेट के रूप में माना जाएगा। प्रत्येक DBU को कुछ न्यूनतम डिजिटल बैंकिंग उत्पाद और सेवाएं प्रदान करनी होंगी।
DBU के लाभ–
- 24×7 बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध होंगी। इन सेवाओं में नकद जमा और निकासी भी शामिल हैं।
- जिन लोगों के पास कनेक्टिविटी या कंप्यूटिंग डिवाइस नहीं हैं, वे कागजरहित मोड में बैंकिंग लेनदेन कर सकते हैं।
- यह डिजिटल वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देगी। इसके अलावा, यह डिजिटल बैंकिंग अपनाने के लिए जागरूकता भी पैदा करेगी।
स्रोत – द हिन्दू