डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) का प्रायोगिक चरण शुरू
हाल ही में केंद्र सरकार ने डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) का प्रायोगिक चरण शुरू किया है।
ONDC पहल की शुरुआत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग ने की है। यह वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की प्रथम पहल है। यह डिजिटल कॉमर्स की पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल कॉमर्स के विकेंद्रीकरण और लोकतंत्रीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्स को एकीकृत करने का कार्य भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India) को सौंपा गया है।
ONDC की प्रमुख विशेषताएं-
यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो खरीदारों और विक्रेताओं को एक दूसरे से ऑनलाइन रूप से जुड़ने तथा लेन-देन करने की अनुमति प्रदान करेगा।
ओपन सोर्स प्रक्रिया/सॉफ्टवेयर:
- इसके तहत किसी प्रक्रिया के लिए उपयोग की गई तकनीक या कोड को सभी के द्वारा इस्तेमाल करने, पुनर्वितरित करने और संशोधित करने के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया जाता है।
- इसका उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए एक खुले मंच को बढ़ावा देना है।
- जिस प्रकर UPI डिजिटल भुगतान क्षेत्र में कार्य करता है, उसी प्रकार ONDC ई-कॉमर्स क्षेत्र में कार्य करेगा।
ONDC का महत्व-
- यह अमेज़न इत्यादि जैसे मौजूदा प्लेटफॉर्म-केंद्रित डिजिटल कॉमर्स मॉडल से परे जाकर अधिक सुविधा प्रदान करेगा।
- यह किसी भी अनुकूल एप्लिकेशन या प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किसी विक्रेता, उत्पाद या सेवा की खोज करने में सक्षम है।
- यह उपभोक्ताओं की मांग को सबसे नजदीक में उपलब्ध आपूर्ति के साथ जोड़ने में सक्षम बनाएगा।
इसके कुछ अन्य लाभ इस प्रकार हैं:
- यह परिचालन का मानकीकरण करेगा,
- स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को शामिल करने पर बल देगा,
- लॉजिस्टिक्स में दक्षता बढ़ाएगा तथा उपभोक्ताओं के लिए बेहतर मूल्य उपलब्ध कराएगा।
- भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र के वर्ष 2020 के 46.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2025 तक 111.40 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- यह 19.24% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है।
स्रोत –द हिन्दू