डिजिटल उर्वरता मानचित्र
हाल ही में, बिहार के किशनगंज कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा डिजिटल उर्वरता मानचित्र (Digital Fertility Map) तैयार किया गया है।
किसानों के लिए लाभ:
- इस डिजिटल उर्वरता मानचित्र के उपयोग से किसान आसानी से तय कर सकते हैं कि बेहतर लाभ के लिए उनको किस क्षेत्र में कौन सी फसल की पैदावार करनी चाहिए।
- किसान, नई फसलें उगा सकते हैं और फसल विविधीकरण कर सकते हैं।
- इससे किसान अपने खेत की मिट्टी के उर्वरता स्तर को जानने के बाद उर्वरकों की सही मात्रा के अनुरूप निर्णय ले सकते हैं। इससे उन्हें बंपर पैदावार मिलेगी।
संबंधित चिंताएं:
- बढ़ते भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और भूमि के उर्वरता विवरण से कृषि वैज्ञानिक और किसान बहुत चिंतित हैं।
- इनके लिए आशंका व्यक्त की जाती हैकि, निजी कंपनियों और बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा भूमि अधिग्रहण और ऋण देकर जाल में फ़साने, जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस डेटा का दुरूपयोग किया जा सकता है, जिससे किसान संकट में पड़ सकते हैं।
स्रोत – द हिन्दू