DIR-V (डिजिटल इंडिया RISC-V)
हाल ही में केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास द्वारा चेन्नई में आयोजित डिजिटल इंडिया RISC-V (DIR-V) संगोष्ठी को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया है।
कार्यक्रम का आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और आईआईटी-मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा किया गया था।
अपने संबोधन में उन्होंने DIR-V को लेकर सरकार के विजन पर जोर देते हुये कहा कि वर्तमान में इसका उद्देश्य प्रभावी सार्वजनिक-निजी भागीदारी और आईआईटी मद्रास जैसे उच्च शैक्षिक संस्थानों के सहयोग से RISC-V के लिये एक मजबूत इकोसिस्टम बनाना है।
‘RISC-V’ के बारे में:
- आरआईएससी का मतलब ‘रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर’ है और ‘V’ का मतलब पांचवीं पीढ़ी है।
- RISC-V फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2015 में की गई थी और आईआईटी मद्रास इसके संस्थापक सदस्यों में से एक था।
- RISC-V, इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (आईएसए) उदार मानक सहभागिता के माध्यम से नवाचार प्रोसेसर के नये युग को सक्षम बनाता है, और इसका उद्देश्य ढांचे के लिए ऐसे नये मुक्त स्तरीय, एक्स्टेंसिबल सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उपलब्ध कराना है, जो आगामी 50 वर्षों तक कम्प्यूटर पर डिज़ाइन तैयार करने और इनोवेशन में सहयोगी हों।
- प्रोफेसर कामकोटि ने RISC-V आईएसए पर आधारित भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया माइक्रोप्रोसेसर ‘शक्ति’ विकसित किया था।
- भारत सरकार ने DIR-V (डिजिटल इंडिया RISC-V) माइक्रोप्रोसेसर कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2022 में की थी, जिसका मूल उद्देश्य वर्ष 2023 के दिसंबर माह तक दुनियाभर में भविष्य के लिए माइक्रोप्रोसेसर तैयार करना है व उद्योगों के लिए उपयोगी सिलिकॉन और डिज़ाइन का लक्ष्य प्राप्त करना भी है।
स्रोत – द हिन्दू