डिकिनसोनिया: प्राचीनतम ज्ञात प्राणी
हाल ही में भीमबेटका गुफा में मिला जीवाश्म, डिकिनसोनिया का नहीं है।
वर्ष 2021 में वैज्ञानिकों ने भारत के भीमबेटका रॉक शेल्टर में डिकिनसोनिया (Dickinsonia) नामक एक विलुप्त जानवर प्रजाति के जीवाश्म मिलने की घोषणा की थी।
- हालांकि नए अनुसन्धान से पता चलता है कि वह वास्तव में डिकिनसोनिया का जीवाश्म न होकर एक चट्टान पर मधुमक्खी के छत्ते के मोम का धब्बा है।
- फरवरी 2021 में प्रमुख लेखक ग्रेगरी रिटलैक ने इस खोज की रिपोर्ट दी थी। अब उन्होंने द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में स्वीकार किया है कि उनसे भूल हुई थी।
- हालांकि इससे भीमबेटका रॉक शेल्टर का महत्व कम नहीं होता क्योंकि यह अपने ‘गुफा चित्रों’के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनमें से कुछ 8,000 ईसा पूर्व के हैं।
डिकिनसोनिया के बारे में
- डिड्किनसोनिया (Dickinsonia) एक विलुप्त प्राइमेट जानवर है, जो आज के ऑस्ट्रेलिया, चीन, रूस, यूक्रेन के आस-पास समुद्र तल में रहा करता था।
- यह 600-500 मिलियन वर्ष पहले एडियाकरन युग (Ediacaran period) में अस्तित्व में था। इसके जीवाश्मों में कोलेस्ट्रॉल के अणुओं की खोज के बाद इसे एक जानवर के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
- ऐसा माना जाता है कि यह पृथ्वी पर अस्तित्व में आने वाले शुरुआती जानवरों में से एक था।
- दुनिया के अन्य हिस्सों में डिकिनसोनिया जीवाश्मों से संकेत मिलता है कि यह गोलाकार या अंडाकार आकार का था, कुछ हद तक सपाट और इसके मध्य में रिब जैसी लंबबत संरचना बनी थी।
भीमबेटका गुफाएँ
- यह मध्य प्रदेश में होशंगाबाद और भोपाल के बीच रायसेन ज़िले में स्थित है। इसकी खोज 1957-58 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी।
- तकरीबन 10 किलोमीटर क्षेत्र में फैले यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल में कुल सात पहाड़ियाँ और 750 से अधिक गुफाएँ शामिल हैं।
- भीमबेटका की कुछ गुफाओं में प्रागैतिहासिक काल की विशेषताओं वाले गुफा चित्र मौजूद हैं जो कि लगभग 10,000 वर्ष पुराने हैं।
- अधिकांश चित्रों को गुफा की दीवारों पर लाल और सफेद रंग से बनाया गया है।
- यहाँ मौजूद चित्रों में कई तरह के विषयों को कवर किया गया था, जिसमें गायन, नृत्य, शिकार और वहाँ रहने वाले लोगों की अन्य सामान्य गतिविधियाँ आदि शामिल हैं।
- भीमबेटका में सबसे प्राचीन गुफा चित्र लगभग 12,000 वर्ष पूर्व का माना जाता है।
स्रोत – द हिन्दू