डाइऑक्साइड CO2 उत्सर्जन रिपोर्ट जारी
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने ‘वर्ष 2022 में कार्बन डाइऑक्साइडCO2 उत्सर्जन’ रिपोर्ट जारी की है।
यह IEA की ‘ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन स्टॉकटेक – पेरिस समझौते की प्रगति पर नजर’ नामक नई श्रृंखला की पहली रिपोर्ट है।
यह रिपोर्ट वर्ष 2022 में ऊर्जा से संबंधित ग्रीन हाउस गैसों (GHG) उत्सर्जन की पूरी तस्वीर प्रदान करती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष –
- वर्ष 2022 में वैश्विक ऊर्जा से संबंधित CO2 उत्सर्जन में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह उत्सर्जन 36.8 गीगाटन (Gt) से अधिक के एक नए स्तर पर पहुंच गया है।
- CO2 उत्सर्जन तेल, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों के दहन के कारण होता है।
- CO2 उत्सर्जन में वृद्धि के बावजूद, यह 3.2 फीसदी की वैश्विक आर्थिक संवृद्धि दर से काफी कम है।
- इस प्रकार यह रुझान उत्सर्जन और आर्थिक संवृद्धि की डीकपलिंग की एक दशक पुरानी प्रवृत्ति की ओर वापस लौट आया है।
- उत्सर्जन के संबंध में डीकपलिंग का अर्थ है कि आर्थिक संवृद्धि अब जीवाश्म ईंधन की खपत से गहन रूप से नहीं जुड़ी हुई है।
- स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (पवन और सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन आदि) ने अतिरिक्त 550 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन को रोकने में मदद की है।
ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशंस स्टॉकटेक
- यह पेरिस समझौते के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में प्रौद्योगिकी, निवेश और जन – केंद्रित प्रगति को ट्रैक करता है।
- साथ ही, यह प्रथम ग्लोबलस्टॉकटेक (GST) का भी समर्थन करता है, जो वर्ष 2023 में COP (पक्षकारों का सम्मेलन ) – 28 में समाप्त होगा ।
- प्रथम ग्लोबलस्टॉकटेक, COP -26 में शुरू हुआ था। यह पेरिस समझौते और दीर्घकालिक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में विश्व की सामूहिक प्रगति का आकलन करता है ।
- पेरिस समझौता जलवायु परिवर्तन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय संधि है । इसे 2015 में पेरिस में आयोजित COP – 21 सम्मेलन के दौरान 196 पक्षकारों ने अपनाया था।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड