ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य (Thane Creek Flamingo Sanctuary)
ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य (Thane Creek Flamingo Sanctuary)
- हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नेठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य के आस- पास 48.32 वर्ग किलो मीटर के क्षेत्र को पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (Eco Sensitive Zone)घोषित कर दिया है ।
- पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र संरक्षित क्षेत्रों ,राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य के आसपास विकास के दबाव को कम करते हैं एवं इसके लिए एक बफर जोन के रूप में कार्य करते हैं।
ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य के बारे में
- महाराष्ट्र सरकार द्वारा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत, ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो को अभयारण्य घोषित किया गया था।यह महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा समुद्री अभयारण्य है।
- यह ठाणे क्रीक के पश्चिमी तट पर स्थित है।महाराष्ट्र का पहला समुद्री अभयारण्य ,मालवन अभयारण्य (Malvan Sanctuary) है।
- ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य को बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा “महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र” घोषित किया गया है।
- इस अभयारण्य में मैन्ग्रोव की 39 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।इसके साथ ही यह फ्लेमिंगो जैसे पक्षियों की 167 प्रजातियों, मछली की 45 प्रजातियों, तितलियों की 59 प्रजातियों, कीट की 67 प्रजातियों का निवास स्थान है।
- इस क्षेत्र के मैंग्रोव वन को भारतीय वन अधिनियम के तहत आरक्षित वन घोषित किया गया है। इसके अलावा, इन मैंग्रोव वनों को तटीय विनियमन क्षेत्र के अंतर्गत शामिल किया गया है।
ठाणे क्रीक:
- यह मुंबई शहर को भारतीय मुख्य भूमि से अलग करने वाला अरब सागर की तटरेखा पर स्थित एक प्रवेश द्वार है।ठाणे क्रीक को दो भागों में विभाजित किया गया है: घोड़बंदर-ठाणे स्ट्रेच और ठाणे-ट्रॉम्बे (उरण) स्ट्रेच।
इको-सेंसिटिव जोन (Eco-Sensitive Zones)
- इसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया जाता है। यह राष्ट्रीय उद्यानों, संरक्षित क्षेत्रों और वन्यजीव अभयारण्यों के 10 किलोमीटर केआर्थिक रूप से नाजुक क्षेत्र हैं।
तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone)
- यह वे क्षेत्र हैं जो ज्वार से प्रभावित होते हैं। तटीय विनियमन क्षेत्र नियम, 1991 के अनुसार, उच्च ज्वार रेखा और निम्न ज्वार रेखा के बीच की 500 मीटर भूमि को तटीय विनियमन क्षेत्र घोषित किया जाता है।
स्रोत: द हिन्दू
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