‘ट्राइफेड’ ने जनजातीय विकास के लिए ‘द लिंक फंड’ के साथ हाथ मिलाया
29 अप्रैल, 2021 को जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) और द लिंक फंड ने भारतीय जनजातीय परिवारों की टिकाऊ आजीविका हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
विदित हो कि ट्राइफेड (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India -TRIFED) जनजातीय लोगों के सशक्तिकरण में मुख्य संस्था के रूप में कार्य करती है।
इसका मुख्य उद्देश्य भारत में जनजातीय लोगों की आजीविका और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए विकल्पों और उपायों की तलाश करना है।
इसी उद्देश्य के तहत ट्राइफेड ने जनहित में कार्यरत एक परोपकारी संस्था ‘द लिंक फंड’ के साथ समझौता किया है। जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदाय में अति गरीबी को दूर करना और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करना है।
समझौते के बारे में
- इस समझौते के तहत, वे आदिवासी रोजगार सृजन और विकास की दिशा में काम करेंगे। इसके अंतर्गत जनजातीय समूहों के द्वारा निर्मित किए जा रहे उत्पादों के गुण संवर्धन हेतु सहायताउपलब्ध कराई जाएगी, एवं उनके द्वरा निर्मित उत्पादों के मूल्य में वृद्धि हेतु उनको कौशल प्रशिक्षण और उनके सूक्ष्म वन उत्पादों के गुण संवर्धन साथ ही किए जा रहे वन उत्पादों में विविधिकरण के लिए तकनीकि सहायता उपलब्ध कराइ जाएगी ।जिससे रोजगार सृजन होगा और टिकाऊ आजीविका के साथ-साथ उनकी आय में भी वृद्धि होगी ।
- वे महिला-केंद्र भी बनाएंगे जो आदिवासी महिलाओं के बीच नवाचार, बुनियादी ढांचे और उद्यमशीलता को बढ़ावा देगा।
द लिंक फंड संस्था
- द लिंक फंड संस्था एक परोपकारी संगठन है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित है।यहअति पिछड़े समुदायों में गरीबी उन्मूलन तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से उनको बचाने के लिए काम करती है।
- यह फंड पिछड़े समुदायों में शिक्षा, पोषण, और महिला आर्थिक सशक्तीकरण आदि के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी मानवीय जरूरतों को उपलब्ध करने की दिशा में कार्य करता है।
- यह मुख्य रूप से भारत, अमेरिका, माली, इंडोनेशिया, माली, नाइजीरिया, नेपाल, मॉरिटानिया और सेनेगल पर फोकस करता है। यह विश्व के सबसे गरीब आबादी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन उपलब्ध कराता है।
जनजातीय लोगों के लिए सरकार के अन्य प्रयास
- ट्राइफेड ने हाल ही में ‘संकल्प से सिद्धि’ (SANKLAP SE SIDHI) पहल की शुरुआत की थी ।यह वन धन विकास केंद्रों को सक्रिय करने के लिए 100 दिन की पहल है। इसके साथ ही अप्रैल 2021 में ट्राइफेड ने ट्राइब्स इंडिया प्रतियोगिता शुरू की।
- ट्राइफेड ने मार्च, 2021 में, फ्लोरीकल्चर मिशन को 21 राज्यों में लागू किया है।
- साथ ही ट्राइफेड एक ट्राईफ़ूड पार्क का निर्माण कर रहा है। यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के बीच एक संयुक्त पहल है। ट्राईफ़ूड पार्क में आदिवासी लोगों से कच्चे माल की खरीद की जाएगी एवं , उन्हें संसाधित किया जायेगा जिससे किसानों को बेहतर कीमतों पर बेचने में मदद मिलेगी ।
स्रोत – पीआइबी