वर्ष 2022 से नागरिकों के लिए टेली–लॉ सेवा को निःशुल्क
न्याय विभाग और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने कानूनी सेवाओं के एकीकृत वितरण पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इस समझौते के अनुसार, नालसा प्रत्येक जिले में केवल टेली-लॉ कार्यक्रम के लिए 700 वकीलों की सेवाएं प्रदान करेगा।
- पैनल में शामिल ये वकील रेफरल वकीलों के रूप में भी काम करेंगे। ये मुकदमेबाजी से पहले के चरण में विवाद से बचने में सहायता करेंगे। साथ ही, ये विवाद समाधान तंत्र को भी मजबूत करेंगे।
- टेली-लॉ पहल वर्ष 2017 में विधि और न्याय मंत्रालय के अंतर्गत न्याय विभाग ने शुरू की थी। यह पहल एक विश्वसनीय और कुशल ई-इंटरफेस प्रदान करती है।यह मुकदमेबाजी से पहले विवाद समाधान के उपाय भी सुझाती है।
- टेली-लॉ पहल कानूनी मदद मांगने वाले हाशिये पर रहे लोगों की कानूनी सहायता को अधिक महत्व देता है। यह 1 लाख ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में उपलब्ध टेली/वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अवसंरचना का प्रयोग करती है। इनकी मदद से यह पैनल के वकीलों से संपर्क को संभव बनाकर कानूनी सलाह प्रदान करती है।
राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण
- इसका गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया है। इसे समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए गठित किया गया है।
- विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए यह लोक अदालतों का आयोजन भी करता है।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक हैं। नालसा भारत के उच्चतम न्यायालय में स्थित है।
- अधिनियम के तहत, राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भी गठित किये गए हैं।
स्रोत –द हिन्दू