टर्निंग अराउंड द पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर रिपोर्ट
हाल ही में, नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट ने ‘टर्निंग अराउंड द पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर’ रिपोर्ट प्रकाशित की है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश विद्युत वितरण कंपनियां (डिस्कॉम/DISCOM) महंगे दीर्घकालिक विद्युत खरीद समझौतों, निम्नस्तरीय अवसंरचना, अक्षम संचालन आदि के परिणामस्वरूप व्यापक वित्तीय हानि का सामना कर रही हैं। यह हानि वित्त वर्ष-21 के लिए अनुमानतः 90,000 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट में उल्लिखित प्रमुख सुधार/सुझाव
डिस्कॉम (वितरण कंपनी) का पुनर्गठनः
- राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के सफल होने के लिए कंपनी और राज्य के मध्य स्पष्ट पृथक्करण होना चाहिए । ऐसा विनियामक कार्यों को राजनीतिक दबाव से मुक्त करके किया जा सकता है। इस उपाय हेतु केंद्र सरकार की भागीदारी के साथ क्षेत्रीय विद्युत विनियामक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
- उच्चतर दक्षता के लिए निजी भागीदारी में वृद्धि की जानी चाहिए। उदाहरणतः ओडिशा और महाराष्ट्र में फ्रेंचाइजी मॉडल लागू किए गए हैं।
- जिन घाटे में चल रहे क्षेत्रों में सरकारी समर्थन के बिना वाणिज्यिक संचालन संभव नहीं है, उनके लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल अधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
परिचालनात्मक सुधार:
- प्रीपेड या स्मार्ट मीटर का उपयोग करके उनकी बिलिंग दक्षता में सुधार किया जा सकता है।
- कृषि के लिए सौर पंपों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy: RE) एकीकरण सुधार
- डिस्कॉम को बैटरी प्रणाली या पंप्डहाइड्रो-स्टोरेज प्रणाली प्रदान करके उनके द्वारा व्यापक पैमाने पर ऊर्जा भंडारण को अमिनियोजित करने की आवश्यकता है।
- दूरस्थ और कम आबादी वाले क्षेत्रों के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध RE स्रोतों से विकेन्द्रीकृत लघु-स्तरीय उत्पादन के साथ मिनी-ग्रिड स्थापित करने की आवश्यकता है ।
डिस्कॉम की सहायता के लिए सरकारी योजनाएं
- उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय/UDAY), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) और एकीकृत विद्युत विकास योजना (IPDS)।
- पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme) जून 2021 में मंत्रिमंडल द्वारा एक सुधार आधारित और परिणाम संबद्ध योजना को स्वीकृति दी गई थी।
स्रोत – द हिन्दू