ज्यूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर लॉन्च
हाल ही में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने अप्रैल 2023 में ज्यूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर (Jupiter icy Moons Explorer: Juice) लॉन्च करने की घोषणा की है।
- बृहस्पति के लिए यह यूरोप का पहला समर्पित रोबोटिक मिशन होगा।
- इस मिशन के जुलाई 2031 में बृहस्पति पर पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- मिशन बृहस्पति के चारों ओर की कक्षा में प्रवेश करेगा और इसके बड़े बर्फीले चंद्रमाओं: यूरोपा, नीमेड और कैलिस्टो (Europa, Ganymede and Callisto) के कई फ्लाईबाई प्रदर्शन करेगा।
- चंद्रमा के चार साल के चक्कर लगाने के बाद, Juice मिशन गैनीमेड के चारों ओर कक्षा में प्रवेश करेगा जो कि हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है।
- किसी अन्य ग्रह के चंद्रमा के चारों ओर कक्षा तक पहुंचने वाला पहला Juice पहला अंतरिक्ष यान बन जाएगा।
बृहस्पति ग्रह के बारे में
- बृहस्पति हमारे सूर्य से पाँचवाँ ग्रह है और अब तक, सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। अन्य सभी ग्रहों को मिला भी दिया जाये, तब भी उससे दोगुने आकार का है बृहस्पति।
- बृहस्पति की धारियाँ और भंवर (stripes and swirls) वास्तव में अमोनिया और जल के ठंडे, हवादार बादल हैं, जो हाइड्रोजन और हीलियम के वातावरण में तैर रहे हैं।
- बृहस्पति का प्रतिष्ठित ग्रेट रेड स्पॉट पृथ्वी से भी बड़ा एक विशाल तूफान है जो सैकड़ों वर्षों से सक्रिय है।
- बृहस्पति दर्जनों चंद्रमाओं से घिरा हुआ है।
- बृहस्पति के भी कई वलय हैं, लेकिन शनि के प्रसिद्ध वलय के विपरीत, बृहस्पति के वलय बहुत धुंधले हैं और धूल से बने हैं, बर्फ से नहीं।
- 43,440.7 मील (69,911 किलोमीटर) की त्रिज्या के साथ, बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना चौड़ा है।
- बृहस्पति सूर्य से 2 खगोलीय इकाई (astronomical units: AU) दूर है। एक खगोलीय इकाई (AU), सूर्य से पृथ्वी की दूरी है। इतनी दूरी से सूर्य के प्रकाश को सूर्य से बृहस्पति तक जाने में 43 मिनट का समय लगता है।
- सौर मंडल में बृहस्पति का दिन सबसे छोटा होता है। बृहस्पति लगभग 12 पृथ्वी वर्षों (4,333 पृथ्वी दिवस) में सूर्य के चारों ओर एक पूर्ण परिक्रमा लगाता है।
स्रोत – द हिन्दू