जॉर्जिया का रीको (RICO) अधिनियम
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर “जॉर्जिया रीको” (Racketeer Influenced and Corrupt Organisations- RICO) अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है।
विदित हो कि जॉर्जिया का रीको (RICO) अधिनियम भारत के मकोका जैसा माफिया विरोधी कानून है ।
ट्रम्प पर रीको के तहत आरोप:
ट्रंप पर जालसाजी, झूठे बयान और साजिश समेत 40 अपराधों का आरोप लगाया गया है। जॉर्जिया में रैकेटियरिंग के लिए दोषी पाए जाने पर 20 साल की जेल की सजा होती है।
रीको (RICO) अधिनियम-
- जॉर्जिया रीको अधिनियम 1970 के अमेरिकी संघीय रीको अधिनियम पर आधारित एक रैकेट-विरोधी कानून है।
- संघीय और राज्य दोनों कानून संगठित अपराध, माफिया और आपराधिक सिंडिकेट को लक्षित करने के लिए बनाए गए थे।
- अब यह कानून माफिया से परे विस्तारित हो गया है। गबन से लेकर भ्रष्टाचार तक कई अवैध गतिविधियों में इसका उपयोग किया जाने लगा है।
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका)
- इसका पूरा नाम महाराष्ट्र कंट्रोल आफ ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एक्ट (Maharashtra Control Of Organised Crime Act, 1999 ) है।
- मकोका के आरोपी की आसानी से जमानत नहीं होती है। किसी अपराधी पर मकोका लगाना भी आसान नहीं है।
- किसी अपराधी पर मकोका लगाने के लिए ACP (Assistant Commissioner of Police) या इसी रैंक के अधिकारी से मंजूरी लेनी पड़ती है।
- मकोका तभी लगेगी जब व्यक्ति- पिछले 10 साल में कम से कम 2 संगठित अपराधों में संलिप्त रहा हो एवं उस अपराध में कम से कम 2 लोग शामिल हों। इस केस का ट्रायल मकोका नामक विशेष कोर्ट में चलता है।
MACOCA Act के उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य संगठित अपराधों को खत्म करना था।
- संगठित अपराध जैसे- अंडरवर्ल्ड जुड़े अपराधी, जालसाजी, जबरन वसूली, हत्या की कोशिश, धन की उगाही आदि गतिविधियाँ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस