जैव विविधता (संशोधन) विधेयक 2021 लोकसभा में प्रस्तुत
हाल ही में जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में प्रस्तुत किया गया है।
यह विधेयक जैव विविधता के संरक्षण के लिए अधिनियमित जैव विविधता अधिनियम, 2002 में संशोधन के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, यह जैव-संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न लाभों के देशज और स्थानीय समुदायों के साथ उचित एवं संतुलित वितरण को भी सुनिश्चित करेगा।
यह अधिनियम जैव विविधता अभिसमय और नगोयाप्रोटोकॉल के तहत भारत के दायित्वों को पूरा करने का भी प्रयास करता है।
प्रमुख प्रस्तावित संशोधन
- वन्य औषधीय पादपों की कृषि को प्रोत्साहित करके और अनुसंधान, पेटेंट आवेदन प्रक्रिया एवं अनुसंधान परिणामों के हस्तांतरण की तीव्रता की सुविधा प्रदान करके इन पादपों पर दबाव को कम करना।
- पंजीकृत आयुष चिकित्सा पेशेवरों और संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान रखने वाले लोगों को कुछ उद्देश्यों के लिए उनकी जैविक संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करने हेतुराज्य जैव विविधता बोडों को पूर्व सूचना देने से छूट प्रदान करना।
- पेटेंट आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना। स्थानीय समुदायों के साथ पहुंच और लाभ साझा करने के दायरे का विस्तार करना।
- कुछ प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और कारावास को जुर्माने से प्रतिस्थापित किया जाएगा। दंड निर्धारित करने के लिए एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।
स्रोत – द हिन्दू