जैविक डेटा के साझाकरण फ्रेमवर्क हेतु दिशा-निर्देश

जैविक डेटा के साझाकरण फ्रेमवर्क हेतु दिशा-निर्देश

हाल ही में भारत सरकार ने जैविक डेटा के साझाकरण के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये हैं ।

  • अपनी तरह के प्रथम, बायोटेक-प्राइड (Biotech-PRIDE) दिशा-निर्देशों का उद्देश्य जैविक ज्ञान, सूचना और डेटा को साझा करने व इसके आदान-प्रदान को सुविधाजनक एवं सक्षम बनाने के लिए एक प्रारूप तथा मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करना है।
  • बायोटेक प्राइड डेटा (Biotech-PRIDE) आदान-प्रदान के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।
  • इसे भारतीय जैविक डेटा केंद्र (BDC) के माध्यम से लागू किया जाएगा, जो भारत में जीवन विज्ञान डेटा का प्रथम राष्ट्रीय निक्षेपागार है।
  • इसका अधिदेश राष्ट्रीय स्तर पर उत्पन्न तथा सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित जीवन विज्ञान डेटा को संग्रहित करना है।
  • अन्य वर्तमान डेटासेट और डेटा केंद्रों को IBDC से जोड़ा जाएगा, जिसे बायो-ग्रिड कहा जाएगा।

महत्वः

  • अनुसंधान और विश्लेषण के लिए डेटा साझाकरण में सामंजस्य और समन्वय स्थापित करना एवं इन्हें प्रोत्साहन प्रदान करना तथा वैज्ञानिक कार्यों को बढ़ावा देना।
  • यह मानव स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन आदि पर मौलिक शोध में योगदान करते हुए आणविक और जैविक प्रक्रियाओं की समझ को विस्तार प्रदान करेगा।
  • पूर्ववर्ती शोध पर आधारित प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
  • दोहराव और शोध पर संसाधनों के अपव्यय से बचाव होगा।
  • बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) द्वारा तैयार किए जा रहे दिशा-निर्देश, राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और अमिगम्यता नीति (National Data Sharing and Accessibility Policy:NDSAP) के सिद्धांतों के अनुरूप होंगे, ताकि निजता व गोपनीयता’ तथा जैविकडेटा की गुणवत्ता को संरक्षित किया जा सके।

भारत में अन्य प्रमुख डिजिटल निक्षेपागारः

  • भारत की राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी।
  • परंपरागत ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी।
  • भारत के संग्रहालयों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल निक्षेपागार।
  • शोधगंगा।
  • राष्ट्रीय विज्ञान डिजिटल पुस्तकालय आदि।

स्रोत –द हिन्दू

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