जैविक कृषि (Organic farming) प्रमाणन में अनियमितताओं की जांच
हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जैविक कृषि (Organic farming) प्रमाणन में अनियमितताओं की जांच के लिए अतिरिक्त उपाय किए गए हैं।
- मंत्रालय ने फील्ड-स्तरीय अनियमितताओं की जांच के लिए अतिरिक्त ऑनसाइट उपायों को अपनाना शुरू कर दिया है। इन उपायों में जैविक कृषि को प्रमाणित करने वाले संगठनों का सत्यापन भी शामिल है।
- जैविक खाद्य पदार्थों का प्रमाणन यह सुनिश्चित करता है कि ये पदार्थ निर्धारित मानकों का अनुपालन करें।
- जैविक खाद्य पदार्थ राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP) या पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम फॉर इंडिया (PGS – इंडिया) के तहत प्रमाणित हैं।
- NPOP में प्रमाणन निकायों को मान्यता देना और जैविक कृषि एवं विपणन को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
- NPOP को वाणिज्य मंत्रालय के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के तहत शुरू किया गया है।
- यूरोपीय आयोग और स्विट्जरलैंड ने अप्रसंस्कृत पादप उत्पादों के लिए NPOP मानकों को मान्यता दी है।
- PGS – इंडिया को कृषि मंत्रालय के तहत लॉन्च किया गया है। यह NPOP मानकों पर आधारित है, लेकिन इसकी प्रमाणन प्रक्रिया अलग है। PGS केवल घरेलू उपयोग के लिए है।
- जैविक कृषि में जैविक उर्वरकों (वर्मीकम्पोस्ट, गाय के गोबर की खाद आदि) और जैविक खेती की पद्धतियों का उपयोग किया जाता है ।
- इसके परिणामस्वरूप, उत्पादन की गुणवत्ता को प्रभावित किए बिना फसलों का संधारणीय उत्पादन होता है।
- जैविक कृषि के विपरीत प्राकृतिक खेती में मृदा में न तो रासायनिक और न ही जैविक खाद डाली जाती है। वास्तव में, मृदा में कोई बाहरी उर्वरक नहीं मिलाया जाता है ।
जैविक कृषि के लाभः
- प्रदूषण को कम करके पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखती है;
- फसल के खराब होने के जोखिम को कम करती है;
- इनपुट लागत को कम करती है, जिससे अधिक लाभ प्राप्त होता है;
- निर्यात क्षमता को बढ़ाती है आदि ।
जैविक कृषि के नुकसान:
- अधिक श्रम की जरूरत पड़ती है;
- सख्त प्रमाणन प्रक्रिया किसानों को जैविक खेती अपनाने से रोकती है;
- विशेष बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है आदि ।
अन्य संबंधित जानकारी:
- केंद्र सरकार ने यह घोषणा की है कि वह सिक्किम में एक उच्च गुणवत्ता वाली आधुनिक जैविक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करेगी ।
- इससे राज्य में जैविक उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा ।
- सिक्किम भारत का पहला पूर्ण जैविक राज्य है । जैविक उत्पादकों की संख्या के मामले में भारत पहले स्थान पर है ।
स्रोत – द हिन्दू