प्रोग्रेस ऑन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs): जेंडर स्नैपशॉट 2022 रिपोर्ट
हाल ही में प्रोग्रेस ऑन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs): जेंडर स्नैपशॉट 2022 रिपोर्ट जारी की गई है ।
यह रिपोर्ट यूएन वीमेन (UN Women) तथा संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (UN DESA) ने जारी की है।
यूएन वीमेन, लैंगिक समानता के लिए कार्य करने वाली एजेंसी है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- लैंगिक समानता की दिशा में जो अभी प्रयास किए जा रहे हैं, उससे पूर्ण लैंगिक समानता प्राप्त करने में 286 वर्ष लगेंगे।
- वर्ष 2022 के अंत तक, 368 मिलियन पुरुषों और लड़कों की तुलना में लगभग 383 मिलियन महिलाएं व लड़कियां चरम गरीबी में जीवनयापन कर रही होंगी।
- 90 डॉलर दैनिक आय से भी कम आय को चरम गरीबी (extreme poverty) की स्थिति माना जाता है।
- 2 अरब से अधिक प्रजनन आयु (15-49 वर्ष) वर्ग की महिलाएं और लड़कियां ऐसे देशों व क्षेत्रों में रहती हैं, जहां सुरक्षित गर्भपात तक पहुंच पर किसी न किसी तरह की बाधाएं हैं।
- महिलाएं विश्व स्तर पर विज्ञान, इंजीनियरिंग तथा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की प्रत्येक 10 नौकरियों में से केवल 2 में नियोजित हैं।
- कोविड-19 महामारी और इसके परिणाम, हिंसक संघर्ष तथा जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियां लैंगिक असमानताओं को और बढ़ा रही हैं।
रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें-
- लैंगिक समानता एजेंडा में सहयोग, भागीदारी और निवेश के तरीकों में सुधार करने की जरूरत है। इससे लैंगिक समानता को वापस पटरी पर लाया जा सकेगा
- वर्ष 2030 तक बाल विवाह को समाप्त करने के लिए पिछले दशक की प्रगति की तुलना में वर्तमान प्रगति की दर को 17 गुना तेज करना होगा
- लैंगिक समानता के मार्ग में लंबे समय से चली आ रही नियमों और प्रथाओं की संरचनात्मक बाधाओं को समाप्त करने की आवश्यकता है।
स्रोत –द हिन्दू