जीवंत ग्राम कार्यक्रम (VVP) योजना
- हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीवंत ग्राम कार्यक्रम (VVP) योजना को मंजूरी दी है। जीवंत ग्राम कार्यक्रम (VVP) एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- इस योजना के माध्यम से देश की उत्तरी भू-सीमा पर स्थित गांवों में आवश्यक अवसंरचना विकास और आजीविका के अवसर पैदा करने हेतु धन उपलब्ध कराया जाएगा ।
- जीवंत ग्राम कार्यक्रम योजना के तहत हिमाचल प्रदेश (HP), उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख को शामिल किया गया है। इस योजना को 2022-23 से 2025-26 तक के लिए मंजूरी दी गई है।
- इस योजना के माध्यम से सीमावर्ती लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा पलायन को रोकने में मदद मिलेगी। इससे सीमा सुरक्षा में भी सुधार होगा।
योजना की मुख्य विशेषताएं-
- जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से जीवंत ग्राम कार्य योजना तैयार करेगा ।
- सामाजिक उद्यमिता, युवा और महिला सशक्तीकरण इत्यादि को बढ़ावा देने के माध्यम से “हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित विकास केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
- कुल 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपये का उपयोग सड़कों के निर्माण के लिए किया जाएगा।
- केंद्र और राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत सैचुरेशन ( Saturation ) सुनिश्चित की जाएगी। कल्याणकारी योजना की सैचुरेशन का अर्थ है कि सभी पात्र लाभार्थियों को योजना में निर्धारित सुविधाएं मिलें ।
- इस योजना का सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (BADP) के साथ कोई अतिव्यापन (overlap) नहीं होगा ।
- BADP का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना है।
सीमा पर अवसंरचना विकास को बढ़ावा देने हेतु मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए अन्य निर्णय
- हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 1 कि.मी. लंबी शिंकू – ला सुरंग को मंजूरी दी गई है।
- भारत-तिब्बत (ITBP)सीमा पुलिस बल की सात नई बटालियनों के गठन को मंजूरी दी गई है।
- ITBP ग्रह मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जो भारत-चीन सीमा पर तैनात है।
जीवंत ग्राम कार्यक्रम (VVP) योजना के अपेक्षित परिणाम:
- देश के उत्तरी सीमावर्ती गांवों में बारहमासी सड़कों का विकास संभव होगा,
- स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा,
- सौर और पवन ऊर्जा के विकास पर ध्यान देने के साथ 24×7 बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी,
- मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार होगा,
- पर्यटन/बहुउद्देशीय/स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का विकास संभव होगा ।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड