स्कूली शिक्षा पर ‘जिला प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक’ (PGI-D) जारी
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के लिए जिला प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक (Performance Grading Index: PGI-D) जारी किया है ।
शिक्षा मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2018-19, और वर्ष 2019-20 के लिए PGI-D इस तरह की पहली रिपोर्ट जारी की है।
PGI-D का उद्देश्य अलग-अलग जिले को स्कूली शिक्षा में हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की प्राथमिकता निर्धारित करने में मदद करना है। इस तरह सुधार कर इन्हें उच्चतम ग्रेड तक पहुंचाना है।
PGI-D जिलों को दस ग्रेड में वर्गीकृत करता है:
- उच्चतम प्राप्त करने योग्य ग्रेड को दक्ष कहा जाता है। यह ग्रेड उस श्रेणी में या समग्र रूप से कुल अंकों के 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले जिलों के लिए है।
- निम्नतम ग्रेड को आकांक्षा-3 कहा गया है। इसमें कुल अंकों का 10% तक प्राप्त करने वाले जिले शामिल हैं।
- उपर्युक्त दोनों ग्रेड्स के बीच में ‘उत्कर्ष’ (81-90%), ‘अति उत्तम’ (71-80%), ‘उत्तम’ (61 से 70%), “प्रचेष्टा -1(51 से 60%), ‘प्रचेष्टा-2’ (41 से 50%) आदि ग्रेड मौजूद हैं। PGI-D संरचना में कुल 600 अंक हैं।
इन्हें निम्नलिखित छह श्रेणियों में बांटा गया है:
कक्षा में प्रभावी विचार विनिमय ,अभिशासन प्रणाली ,अवसंरचना सुविधाएं और छात्रों के अधिकार,डिजिटल लर्निंग ,स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण ,परिणाम । इन श्रेणियों को पुनः12 डोमेन में विभाजित किया गया है।
इसी तरह की अन्य पहले –
- राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षणः यह शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है। यह स्कूली शिक्षा की प्रभावशीलता पर एक व्यवस्था आधारित मूल्यांकन प्रदान करती है।
- स्कूल समानता सूचकांकः यह सूचकांक नीति आयोग जारी करता है। यह स्कूली शिक्षा क्षेत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है।
मुख्य निष्कर्ष:
- सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि हासिल करने वाले शीर्ष पांच राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं: चंडीगढ़, गुजरात, केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र।
- दोनों वर्षों (2018-19 और 2019-20) में किसी भी जिले ने ‘दक्ष रेटिंग’ हासिल नहीं की है।
- राजस्थान के तीन जिले सीकर, झुंझुनू और जयपुर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों के रूप में उभरे हैं।
स्रोत –द हिन्दू