जस्टिस एन.वी. रमण भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस एन.वी. रमण भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश
भारत के राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति एन.वी. रमण को भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है।
वे 24 अप्रैल, 2021 को भारत के मुख्य न्यायधीश का पद संभालेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे द्वारा इनकी सिफारिश की गई है ।ज्ञातव्य हो कि जस्टिस रमण का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक होगा।
17 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले, जस्टिस रमण दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
न्यायमूर्ति एन.वी. रमण (नूतलपति वेंकटरमण) वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश हैं। वे 8 साल से सर्वोच्च न्यायालय में कार्य कर रहे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय:
- सर्वोच्च न्यायालय संविधान का व्याख्याता, अपील का अंतिम न्यायालय, नागरिकों के मूल अधिकारों का रक्षक, राष्ट्रपति का परामर्शदाता और संविधान का संरक्षक है।
- भारतीय न्यायव्यवस्था के शीर्ष पर सर्वोच्च न्यायालय है। उच्चतम न्यायालय 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया और भारत के गणतंत्र बनने के दो दिन बाद यानी 28 जनवरी, 1950 को इसने काम करना प्रारंभ किया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI):
- भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य जजों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के संदर्भ में, निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करते हैं।
संविधान में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया:
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।
- अनुच्छेद 124 (1) के तहत भारतीय संविधान में कहा गया है कि भारत का एक सर्वोच्च न्यायालय होगा जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश (CJI) होगा तथा सात से अधिक अन्य न्यायाधीश नहीं हो सकते, जब तक कि कानून द्वारा संसद अन्य न्यायाधीशों की बड़ी संख्या निर्धारित नहीं करती है।
- वर्तमान समय में उच्चत्तम न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश और 30 अन्य न्यायाधीश (कुल 31 न्यायाधीश) हैं।
- मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश से परामर्श अवश्य लेता है ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस
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