जल, सफाई एवं स्वच्छता (वाश/WASH) रिपोर्ट
हाल ही में, जल, सफाई एवं स्वच्छता (वाश/WASH) रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 से खुले में शौच में सबसे बड़ी गिरावट के लिए भारत की भूमिका सराहनीय रही है।
‘घरेलू पेयजल, सफाई और स्वच्छता 2000-2020 पर प्रगतिः300 के अंतर्गत 5 वर्ष’ शीर्षक से WASH रिपोर्ट के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)/संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) द्वारा संयुक्त निगरानी कार्यक्रम आरंभ किया गया है।
यह वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्य (SDG-6) (स्वच्छ जल और स्वच्छता) के लक्ष्यों को प्राप्त करने की संभावनाओं तथा प्रगति की वर्तमानगति का आकलन करता है।
मुख्य निष्कर्ष
- नल से जल, बोरहोल या ट्यूबवेल, संरक्षित गर्त कूप, संरक्षित झरनों, वर्षा जल और पैकेज्ड या डिलीवर किए गए जल सहित स्रोत पर ही जल संसाधनों में सुधार हुआ है।
- सुरक्षित रूप से बुनियादी और प्रबंधित सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने के लिए, वर्ष 2030 तक प्रगति की वर्तमान दरों में 4 गुना वृद्धि की आवश्यकता होगी।
- WASH जल, सफाई एवं स्वच्छता (Water, Sanitation and Hygiene) के लिए सामूहिक पद है। इनकी एक दूसरे से संबद्ध होने की प्रकृति के कारण, इन तीन मुख्य मुद्दों को एक साथ समूहीकृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, शौचालय के बिना, जल स्रोत दूषित हो जाते हैं; स्वच्छ जल के बिना बुनियादी स्वच्छता प्रथाएं संभव नहीं हैं।
WASH के लिए भारत की पहलें:
- भारत में खुले में शौच को समाप्त करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन आरंभ किया गया है।
- स्वजल पहल, जो नीति विकास, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और संचार अभियानों के माध्यमसे समुदायों को उनके आवासों के भीतर सुरक्षित जल स्रोतों का स्व-प्रबंधन करने में सक्षम बनाती है।
- यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID), जल, सफाई एवंस्वच्छता मुद्दों के बारे में जागरूकता सृजित करके, और समाधान के लिए नागरिकों तथा स्थानीय सरकारी निकायों की मांग को प्रोत्साहित करके इस मिशन का समर्थन कर रहा है।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHRW) ने यूनिसेफ (UNICEF) के समर्थन से स्वच्छता को बढ़ावा देने में स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों की उत्कृष्टता को पहचाननेऔर पुरस्कृत करने के लिए कायाकल्प योजना की शुरुआत की है। इससे स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
स्रोत – द हिन्दू