अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) के नेटवर्क विस्तार हेतु 35,000 करोड़ रुपये का निवेश
हाल ही में ‘भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण’(IWAI)के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत 2047 तक जलमार्ग नेटवर्क के विस्तार के लिए 35,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा ।
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के अध्यक्ष ने कहा है कि योजना में भारतीय नदियों की नौगम्य क्षमता में सुधार के लिए जलमार्ग और जेटीज़ (Jetties) का विकास करना शामिल होगा ।
- भारत में नदियों, नहरों, पश्चजल ( backwaters) और क्रीक्स के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों का एक व्यापक नेटवर्क मौजूद है।
- यह नेटवर्क अत्यधिक बोझ से दबे रेलवे और भीड़भाड़ वाले सड़क मार्गों का पूरक बन सकता है।
- अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग (NWs) घोषित किया गया है। इनमें से 13 NWs संचालन में हैं ।
IWT के लाभ:
- पर्यावरण के अनुकूल और सस्ता ( ईंधन की प्रति टन – किमी कम खपत) परिवहन साधन है,
- भीतरी इलाकों से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है,
- अपेक्षाकृत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है आदि ।
अंतर्देशीय जल परिवहन के समक्ष चुनौतियां:
- औद्योगिक, कृषि और अन्य उपयोगों के कारण
- जल अपवाह में कमी से जहाजों की आवाजाही प्रभावित होती है;
- जल चैनलों की गहराई अधिक नहीं होने से संचालन पर प्रभाव पड़ता है;
- अत्यधिक तलछट जमा हो जाना भी बड़ी चुनौती है;
- प्रौद्योगिकी स्तर पर कम उन्नति हुई है आदि ।
अन्य पहलें–
- पोर्टल फॉर एसेट एंड नेविगेशन इन्फॉर्मेशन (पानी / PANI) अलग-अलग जलमार्गों पर विस्तृत सूचना प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय जलमार्गों के सभी कार्गो और क्रूज के आवागमन से संबंधित डेटा के लिए CAR-D (कार्गो डेटा) नामक एक वेब पोर्टल लॉन्च किया गया है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण –
- जल एवं पोत परिवहन को सुलभ बनाने व अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास और विनियमन के लिये अक्टूबर 1986 में इसकी स्थापना की गयी। प्राधिकरण का मुख्यालय नोएडा में स्थित है।
- यह प्राधिकरण मुख्यत: नौवहन मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गों पर परिवहन बुनियादी ढाँचे के विकास और रखरखाव के लिये परियोजनाएँ संचालित करता है।
स्रोत – इकोनॉमिक्स टाइम्स