विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट-2021 जारी
हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने वर्ष 2021 के लिए ‘वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट’ जारी की है ।
यह वार्षिक रिपोर्ट निम्नलिखित जलवायु संकेतकों के बारे में विवरण देती है:
- तापमान, महासागरीय ऊष्मा, महासागरीय अम्लीकरण, समुद्र के स्तर में वृद्धि, समुद्री बर्फ हिमनद, और चरम मौसम।
- यह जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकरी पैनल (IPCC) की छठी आकलन रिपोर्ट की पूरक रिपोर्ट है। WMO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। इस संगठन के सदस्यों में भारत सहित 193 देश और राज्यक्षेत्र शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष–
- चार प्रमुख जलवायु परिवर्तन संकेतकों ने वर्ष 2021 में नए रिकॉर्ड स्थापित कियेः ग्रीनहाउस गैस (GHG) सांद्रता, समुद्र के स्तर में वृद्धि, महासागरीय ऊष्मा, और महासागरीय अम्लीकरण।
- वर्ष 2021 में वैश्विक औसत तापमान वर्ष 1850-1900 के पूर्व–औद्योगिक औसत से लगभग 1.11 ±13°C अधिक था। पिछले सात वर्ष (2015-2021) सबसे गर्म वर्ष रहे हैं।
- वैश्विक औसत समुद्र स्तर वर्ष 2021 में एक नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। वर्ष 2013-2021 की अवधि में इसमें प्रति वर्ष औसतन 4.5 मि.मी. की वृद्धि हुई है।
- लगभग पूरे भारतीय तट के साथ समुद्र का स्तर 0 और 2.5 मि.मी. प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। यह वैश्विक औसत से अधिक तीव्र गति है।
- सबसे अधिक आंतरिक विस्थापन वाले देश (जल-मौसम संबंधी खतरों के कारण) हैं: चीन, वियतनाम और फिलीपींस ।
- अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र असामान्य रूप से बड़ा और गहरा था।
इसके दो मुख्य कारण थेः
- मजबूत और स्थिर ध्रुवीय भंवर (polar vortex), और
- निचले समताप मंडल में औसत से अधिक ठंडी जलवायु।
स्रोत –द हिन्दू