जम्मू के लिए छह और कश्मीर घाटी के लिए एक अतिरिक्त सीट : परिसीमन आयोग
हाल ही में परिसीमन आयोग (DC) ने जम्मू के लिए छह और कश्मीर घाटी के लिए एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है।
अगस्त 2019 में केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने तथा जम्मू और कश्मीर (J&K) के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत परिसीमन आयोग की स्थापना की थी।
- यदि प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाती है, तो जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की कुल सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। जम्मू में 43 (पहले 37) और कश्मीर में 47 (पहले 46) होंगी।
- अतिरिक्त 24 सीटें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर (PoK) के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव है।
- परिसीमन किसी देश या राज्य में विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण करने की प्रक्रिया है।
- यह एक उच्च शक्ति प्राप्त निकाय को सौंपा गया है, जिसे परिसीमन आयोग या सीमा आयोग के रूप में जाना जाता है।
- अनुच्छेद 82 के तहत, संसद विधि द्वारा प्रत्येक जनगणना के उपरांत परिसीमन आयोग की स्थापना का उपबंध करेगी। अनुच्छेद 170 के तहत, राज्यों को प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।
- वर्ष 1952, वर्ष 1963, वर्ष 1973 और वर्ष 2002 में 4 बार परिसीमन आयोग का गठन किया जा चुका है। इसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। इसके आदेशों में एक अधिनियम की शक्ति होती है और इसे किसी भी न्यायालय के समक्ष चुनौती नहीं दी जा सकती है।
सरंचनाः तीन सदस्य :
- अध्यक्ष के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के सेवारत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश।
- मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) या CEC द्वारा नामित चुनाव आयुक्त।
- संबंधित राज्य/संघ राज्यक्षेत्र के राज्य चुनाव आयुक्त।
स्रोत – द हिन्दू