जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज
हाल ही में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज की है।
पहली बार, GSI ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू – कश्मीर के रियासी जिले के सलाल – हैमाना क्षेत्र में लिथियम के भंडार होने का अनुमान लगाया है।
- GSI के अनुसार यह भंडार प्रारंभिक अन्वेषण चरण में है यानी यह G3 श्रेणी का है। यहां 9 मिलियन टन लिथियम होने का अनुमान लगाया गया है।
- लिथियम को सफेद सोना भी कहा जाता है । आवर्त सारणी में यह सबसे पहला क्षार खनिज है । यह एक अलौह धातु है ।
- यह सबसे हल्की ठोस धातु है। इसे ब्राइन ( लवणीय जल ) अथवा खनन की गई चट्टानों से निकाला जाता है। इसका घनत्व सभी धातुओं में सबसे कम है।
- वैश्विक लिथियम संसाधन का 50 प्रतिशत बोलीविया (अधिकतम), चिली और अर्जेंटीना में है। दक्षिण अमेरिका के ये तीन देश लिथियम ट्रायंगल कहलाते हैं।
- लिथियम उत्पादन में ऑस्ट्रेलिया विश्व में अग्रणी है।
- भारत ने कर्नाटक के मांड्या जिले के मारलागल्ला – अल्लापटना क्षेत्र में मौजूद आग्नेय चट्टानों में अपने प्रथम लिथियम भंडार की खोज की है।
लिथियम का महत्त्व
- यह रिचार्जेबल बैटरी (EVs में उपयोगी) और ऊर्जा भंडारण समाधान का एक मुख्य घटक है।
- लिथियम ऑक्साइड का उपयोग विशेष ग्लास और ग्लास सिरेमिक में किया जाता है।
- ऊर्जा संक्रमण के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण खनिज है। साथ ही, नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति में लिथियम पर अत्यधिक निर्भरता होगी।
- GSI, खान मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय है। GSI की स्थापना 1851 में की गई थी। इसे प्रारंभ में रेलवे के लिए कोयले के भंडार का पता लगाने हेतु स्थापित किया गया था।
- इसका मुख्यालय कोलकाता में है। देश भर में इसके छः क्षेत्रीय कार्यालय हैं ।
- यह भू–वैज्ञानिक गतिविधियों को संपन्न करने वाला भारत का वैज्ञानिक संगठन है।
स्रोत – पी.आई.बी.