लोक सभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2022 प्रस्तुत
- हाल ही में लोक सभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया गया है।
- इस विधेयक का उद्देश्य ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए विश्वास आधारित गवर्नेस को और बढ़ावा देना है।
- इसके लिए मामूली अपराधों को गैर-आपराधिक और युक्तिसंगत बनाने तथा मौद्रिक दंडों को भी तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- विधेयक के माध्यम से द ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940; फार्मेसी एक्ट, 1948; ट्रेड मार्क्स एक्ट, 1999 आदि में संशोधन किए जा रहे हैं।
संशोधन विधेयक के पारित होने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- अदालती हस्तक्षेप के बिना अधिनिर्णयन (Adjudication) और प्रशासनिक तंत्र द्वारा बड़ी संख्या में मामलों को निपटाया जा सकेगा।
- मामूली उल्लंघनों और डिफॉल्ट जैसे मामलों में व्यक्तियों को अपने स्तर पर सुलझाने में सक्षम बनाया जा सकेगा । इससे समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत हो सकेगी।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का महत्व
- उद्यमिता, नवाचार और परिसंपत्ति निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- विनियामक बोझ कम होने से उद्यमी अपना समय उत्पादकता बढ़ाने में लगा सकते हैं।
- बेहतर बाजार दक्षता और कम विनियामक बोझ होने से उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलता है।
- निवेशकों की सोच में बदलाव लाकर विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलती है।
- प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करके निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (EODB) में सुधार के लिए की गई पहलें
- सरकार ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाकर 4 श्रम कानूनों को अधिसूचित किया है।
- श्रम सुविधा पोर्टल (SSP) का विकास किया गया है, जो निरीक्षणों की रिपोर्टिंग और रिटर्न जमा करने की सुविधा प्रदान करता है।
- भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता के माध्यम से समर्पित वाणिज्यिक अदालतें स्थापित की गई है। साथ ही, आधुनिक दिवालियापन समाधान प्रणाली शुरू की गई है।
स्रोत – पी.आई.बी