जनगणना 2021
हाल ही में कोविड-19 महामारी प्रकोप के कारण, 2021 में की जाने वाली जनगणना और इससे संबंधित अन्य गतिविधियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थगित कर दिया गया है।
‘जनगणना’ के बारे में:
- जनगणना (Census), देश में जनसंख्या के आकार, वितरण और सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसांख्यिकीय संबंधी जानकारी और अन्य विवरणों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
- भारत में जनगणना, प्रथम बार वर्ष 1872 में ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड मेयो के शासन काल में शुरू की गई थी। इसने समाज में उत्थान करने हेतु नई नीतियों, सरकारी कार्यक्रमों को तैयार करने में सहायता प्रदान की।
- भारत में पहली संपूर्ण जनगणना साल 1881 में हुई थी। तब से, प्रति10 वर्ष में एक बार, निर्विघ्न रूप से जनगणना की जाती है।
भारत में जनगणना कौन करता है?
भारत में दशकीय जनगणना के संचालन का दायित्व भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय (Office of the Registrar General and Census Commissioner) सौंपा गया है।
जनगणना, निम्नलिखित विषयों पर जानकारी के सबसे विश्वसनीय स्रोतों में से एक है:
- जनसांख्यिकी
- आर्थिक गतिविधियां
- साक्षरता और शिक्षा
- आवास और घरेलू सुविधाएं
- शहरीकरण, प्रजनन और मृत्यु दर
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
- भाषा
ऐतिहासिक महत्व:
- ‘ऋग्वेद’ से पता चलता है कि भारत में 800-600 ईसा पूर्व के दौरान भी जनसंख्या गणना की गई थी।
- तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में ‘कौटिल्य’ द्वारा लिखित अर्थशास्त्र में कराधान हेतु राज्य-नीति के एक उपाय के रूप में जनसंख्या के आंकड़ों का संग्रह करने का उल्लेख किया गया था।
- मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में लिखित ‘आईना-ए-अकबरी‘ में जनसंख्या, उद्योग, धन और कई अन्य विशेषताओं से संबंधित विस्तृत आंकड़ेसम्मिलित किए गए थे।
स्रोत – द हिन्दू