जगन्नाथ मंदिर
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में निर्माण कार्य को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया है।
श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना के तहत निर्माण गतिविधियों को चुनौती दी गयी थी। यह एक विरासत गलियारा परियोजना है।
याचिका में निर्माण गतिविधियों के कारण प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम (AMASR), 1958 के उल्लंघन को चुनौती का आधार बनाया गया था।
अधिनियम के अनुसार निषिद्ध क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं हो सकता है। उच्चतम न्यायालय ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार की निर्माण गतिविधियां व्यापक जनहित में आवश्यक हैं।
साथ ही, यह भी कहा कि ये गतिविधियां अवशेष अधिनियम के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2019 में जारी निर्देशों के अनुरूप भी हैं।
पुरी जगन्नाथ मंदिर के बारे में:
- इसका निर्माण गंग राजवंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने करवाया था।
- पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और उनके बड़े भाई बलभद्र की पूजा की जाती है। इन्हें पवित्र त्रिमूर्ति कहा जाता है।
- पुरी, भारत में चार धाम तीर्थयात्राओं में शामिल है।
- अन्य तीन धाम हैं- द्वारिका, बद्रीनाथ और रामेश्वर।
- मुख्य मंदिर का निर्माण कलिंग स्थापत्यकला शैली में किया गया है। मुख्य मंदिर एक वक्रीय संरचना है।
स्रोत –द हिन्दू