जगदीश चंद्र बोस
- हाल ही में संस्कृति मंत्रालय ने “जगदीश चंद्र बोस ” के योगदानों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
- जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर 1858 को हुआ था । यह एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और प्लांट फिजियोलॉजिस्ट (पादप क्रियाविज्ञानी) थे।
- उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।
- वर्ष 1917 में उन्होंने बोस संस्थान की स्थापना की थी । यह अंतःविषय (Interdisciplinary) अध्ययन के प्रति समर्पित एशिया का पहला आधुनिक अनुसंधान केंद्र था ।
- सत्येंद्र नाथ बोस, मेघनाद साहा, पी. सी. महालनोबिस आदि उनके शिष्य रहे हैं। ये सभी बाद में भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक बने थे।
वैज्ञानिक योगदान
- उन्होंने बेतार संचार प्रणाली की खोज की थी। इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ने उन्हें रेडियो विज्ञान के जनक की उपाधि दी थी ।
- उन्होंने पौधों की वृद्धि को मापने के लिए क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया था। उन्होंने पौधों के तंत्रिका जीव विज्ञान को समझने में भी महत्वपूर्ण शोध किया था ।
- उन्होंने गर्मी, ठंड, प्रकाश, शोर और अन्य बाह्य उत्प्रेरकों के प्रति पौधों की प्रतिक्रियाओं को भी प्रदर्शित किया था ।
- उन्हें ‘मिलीमीटर रेंज वेवलेंथ माइक्रोवेव्स’ पर अभूतपूर्व शोध के लिए भी जाना जाता है।
- वह वर्ष 1904 में अमेरिकी पेटेंट प्राप्त करने वाले पहले एशियाई थे। साथ ही, वर्ष 1920 में रामानुजम के साथ रॉयल सोसाइटी के फेलो बनने वाले प्रथम एशियाई भी थे ।
- उनकी प्रमुख कृतियां हैं: रिस्पॉन्स इन द लिविंग एंड नॉन – लिविंग, द नर्वस मैकेनिज्म ऑफ प्लांट्स आदि ।
उन्होंने ब्रिटिश प्रशासन द्वारा वेतन के मामले में किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ सत्याग्रह का उपयोग किया था। इस कारण उन्हें सत्याग्रही वैज्ञानिक भी कहा जाता है।
स्रोत – द हिन्दू