हवाई अड्डों पर बोर्डिंग के लिए चेहरा पहचान तकनीक शुरू
हाल ही में दिल्ली और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर बोर्डिंग के लिए चेहरा पहचान तकनीक शुरू की गई है।
दोनों हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा का बीटा संस्करण (रिलीज से पहले) स्थापित किया गया है। यह सभी चेकपॉइंट्स पर चेहरा पहचान प्रणाली (facial recognition system: FRS) के आधार पर यात्रियों के प्रवेश को स्वचालित रूप से अनुमति प्रदान करेगा।
- डिजी यात्रा, नागर विमानन मंत्रालय की पहल है। इसका उद्देश्य हवाई अड्डों पर यात्रियों की बाधा रहित और बिना परेशानी की आवाजाही सुनिश्चित करना और उनकी सुरक्षा में सुधार करना है।
- इस पहल के साथ, सरकार टिकट बुकिंग, हवाई अड्डे पर प्रवेश और बोर्डिंग पास सिक्योरिटी चेक-इन को डिजिटल बनाने पर विचार कर रही है।
- FRS किसी व्यक्ति के चेहरे के माध्यम से उसकी पहचान करने या पहचान की पुष्टि करने का एक तरीका है। इसका उपयोग फोटो, वीडियो या रीयल-टाइम में लोगों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
- कंप्यूटर एल्गोरिदम गाल ही हड्डियों के आकार, होंठों की आकृति आदि का मापन करता है। फिर इन्हें एक संख्यात्मक कोड में परिवर्तित करता है। इसे फेसप्रिंट कहा जाता है।
- सत्यापन या पहचान के लिए, सिस्टम फेसप्रिंट्स के एक बड़े मौजूदा डेटाबेस के साथ नए फेसप्रिंट की तुलना करता है।
FRS के उपयोग–
- हवाई अड्डे पर प्रवेश, सुरक्षा जांच आदि जैसे चेकपॉइंट्स पर स्वचालित और तेज प्रोसेसिंग हो सकेगी।
- अपराध की जांच में सुविधा होगी। आसान और तेज विश्लेषण के लिए जानकारी प्रदान करेगी।
- अपराधियों, गुमशुदा बच्चों/व्यक्तियों, अज्ञात शवों आदि की पहचान हो सकेगी।
FRS से जुड़ी चिंताएं:
- इसका सरकार द्वारा प्रायोजित व्यापक निगरानी के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है,
- निजता का उल्लंघन हो सकता है,
- डेटा संरक्षण कानून के अभाव में यथोचित प्रक्रिया के उल्लंघन की आशंका है आदि।
स्रोत –द हिन्दू