चुनाव सुधार विधेयक को स्वीकृति
हाल ही में मंत्रिमंडल ने चुनाव सुधार विधेयक को स्वीकृति प्रदान की है। प्रस्तावित सुधार, निर्वाचन आयोग (Election Commission: EC) द्वारा विधि मंत्रालय को दिए गए सुझावों का हिस्सा है।
इसमें दोहराव से बचने के लिए आधार को लिंक करना, एकल मतदाता सूची और रिमोट वोटिंग शामिल हैं।
प्रमुख प्रावधान
- सेवा मतदाताओं से संबंधित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act: RPA), 1950 में पत्नी शब्द को पति या पत्नी के साथ बदलकर विशेष प्रक्रिया द्वारा मतदान को लिंग तटस्थ बनाया गया है।
- वर्तमान कानून सैन्यकर्मी की पत्नी को एक सेवा मतदाता के रूप में नामांकन करने की अनुमति प्रदान करता है, लेकिन एक महिला सैन्यकर्मी के पति को नहीं।
- प्रत्येक वर्ष नामांकन के लिए चार अलग-अलग तिथियों की अनुमति प्रदान कर पहली बार मतदान करने वालों के लिए नामांकन कार्यक्रम को आसान बनाना।
- ध्यातव्य है कि RPA वर्तमान में केवल एक बार 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वालों के लिए मतदाता पंजीकरण की अनुमति देता है।
- मतदाता प्रमाणीकरण के लिए मतदाता पहचान-पत्र को आधार (Aadhaar) से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।
- यह मतदाता सूची में फर्जी और नकली प्रविष्टियों को हटाने तथा प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देने की योजना को पूर्ण करने में मददकरेगा।
- निर्वाचन आयोग को चुनाव से संबंधित किसी भी उद्देश्य के लिए परिसर की आवश्यकता हेतु अधिकार प्रदान किया गया है, जो केवल मतदान केंद्र बनाने या मतपेटियों के भंडारण तक ही सीमित था।
स्रोत – द हिन्दू