चीन, द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपने ग्राउंड स्टेशनों का विस्तार
हाल ही में म्यांमार और श्रीलंका में चीन की दोहरे-उपयोग वाली सुविधाओं ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है।
चीन, हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपने ग्राउंड स्टेशनों का विस्तार करने की योजना पर कार्य कर रहा है।
योजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
- कोको द्वीप समूह (म्यांमार) पर एक सैन्य सुविधा का निर्माण करना। यह अंडमान और निकोबार द्वीप श्रृंखला के निकट है।
- श्रीलंका में एक दूरस्थ उपग्रह संचार प्राप्तकर्ता ग्राउंड स्टेशन प्रणाली की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है।
- चीन अपनी ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ (मोतियों की माला) रणनीति के तहत भारत के चारों ओर सामरिक घेराबंदी बनाने का प्रयास कर रहा है।
- इस नीति के अंतर्गत चीन, संपूर्ण IOR में नौसैनिक अड्डे और खुफिया सूचना केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।
भारत के लिए चिंताएं –
- उपर्युक्त सुविधाओं का उपयोग भारतीय परिसंपत्तियों की जासूसी करने और संवेदनशील जानकारी को इंटरसेप्ट करने के लिए किया जा सकता है।
- IOR में भारत का जो रणनीतिक प्रभाव है, चीन के इस कदम से वह कम हो जाएगा ।
- इस क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों, विध्वंसकों, जहाजों और पोतों की उपस्थिति के कारण भारतीय समुद्री सुरक्षा के समक्ष खतरा उत्पन्न हो जाएगा ।
- IOR में महत्वपूर्ण आपूर्ति-मार्गों और चोकपॉइंट्स पर चीनी उपस्थिति के कारण भारत की ऊर्जा सुरक्षा को खतरा हो जाएगा ।
भारत द्वारा की गई प्रमुख पहलें –
- चीन की योजनाओं के प्रत्युत्तर में भारत ने चीन के चारों ओर स्थित देशों (तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया आदि) के साथ कुछ रणनीतिक व सामरिक समझौते किए हैं।
- एक्ट ईस्ट नीति की शुरुआत की गई है। इसमें पूर्वी एशियाई देशों में बुनियादी ढांचे के विकास पर मुख्य बल दिया जा रहा है ।
- IOR के सेशेल्स और मॉरीशस जैसे देशों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
- इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA), भारतीय हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी जैसे संस्थागत तंत्रों की भूमिका को बढ़ावा दिया जा रहा है।
स्रोत – द हिन्दू