चीनका चांग ई-5 चंद्र अन्वेषण मिशन
हाल ही में चीन के चांग ई-5 (Change 5) चंद्र अन्वेषण मिशन को चंद्रमा की सतह पर जल के पहले ऑन-साइट प्रमाण मिले हैं।
- शुरुआत में दूरस्थ अवलोकन (रिमोट ऑब्जर्वेशन) से ही जल की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी। किंतु लैंडर को अब चट्टानों और मृदा में जल के संकेत प्राप्त हुए हैं।
- इससे यह भी ज्ञात हुआ है कि संभवतः चंद्रमा के मेंटल में निर्मित जलाशय सूख गए थे। इस कारण चन्द्रमा पर जलकी मौजूदगी नहीं है।
- इससे पहले, भारत के चंद्रयान-1 (वर्ष 2008) से प्राप्त डेटा में चंद्रमा के बाह्यमंडल (exosphere) में तथा चन्द्रमा की सतह और उप-सतह पर जल के साक्ष्य मिले थे।
- इसके अलावा, चंद्रयान -2 (वर्ष 2019) ने चंद्रमा के स्थायी रूप से अंधकार वाले क्षेत्रों में जलीय बर्फ की उपस्थितिकी पुष्टि की थी।
- आने वाले वर्षों में भारत समेत कई देश अपने चंद्र मिशनको शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
नई रुचि के कारण
- आर्थिकःहीलियम -3 चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन पृथ्वी पर यह दुर्लभ है। यह परमाणु संलयन के लिए एक संभावित ईंधन है। हीलियम -3, हीलियम तत्व का एक समस्थानिक है।
- भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए आधारः यह ये परीक्षण करने के लिए सबसे अच्छा स्थान है कि अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में जीवन कैसे प्रतिक्रिया करता है।
- पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए: चंद्रमा और पृथ्वी का एक साझा अतीत है। इसका अध्ययन करने से यह पताचलेगा कि पृथ्वी का प्रारंभिक अतीत कैसा था।
अन्य चंद्र मिशनः
- आर्टेमिस (नासा), वोलेटाइल्स इन्वेस्टिगेशनपोलर एक्सप्लोरेशन रोवर (नासा), कोरिया पाथफाइंडर लूनरऑर्बिटर (दक्षिण कोरिया), चंद्रयान -3 (भारत) आदि।
स्रोत –द हिन्दू