चीता पुनर्वास हेतु दक्षिण अफ्रीका से लाए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा

चीता पुनर्वास हेतु दक्षिण अफ्रीका से लाए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा

हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने दक्षिण अफ्रीका से लाए गए बारह चीतों को कूनो नेशनल पार्क (श्योपुर, मध्य प्रदेश) में रिलीज कर दिया है । अब कूनो नेशनल पार्क में कुल चीतों की संख्या 20 हो गई है।

बता दें कि प्रधानमंत्री ने सितंबर 2022 में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था।

भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना

  • विदित हो कि साल 1952 में चीतों को विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया था ।
  • भारत में चीता पुनर्वास परियोजना का लक्ष्य भारत में व्यवहार्य चीता मेटापॉपुलेशन स्थापित करना है, जो चीता को एक शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी कार्यात्मक भूमिका निभाने की सुविधा देता है।
  • चीता को उसकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर विस्तार के लिए जगह प्रदान करता है, जिससे उसके वैश्विक संरक्षण के प्रयासों में योगदान मिलता है।
  • भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना के अनुसार कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से हर साल 10-12 चीतों का स्थानांतरण करने की जरूरत है।
  • इस संबंध में चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार की दक्षिण अफ्रीका के साथ द्विपक्षीय वार्ता जनवरी, 2023 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
  • इस समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के तहत 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों (7 नर, 5 मादा) की पहली खेप को दक्षिण अफ्रीका से भारत स्थानांतरित किया गया।
  • इस संबंध में भारत सरकार ने नामीबिया के साथ जी2जी परामर्शी बैठकें शुरू की थी। इस पहल के परिणामस्वरूप चीता संरक्षण के लिए 20 जुलाई, 2022 को दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
  • इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद एक पहले वन्य से वन्य अंतरमहाद्वीपीय ऐतिहासिक स्थानान्तरण के रूप में 17 सितंबर, 2022 को आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया।

अफ्रीकी चीता बनाम एशियाई चीता:

  • अफ्रीकी: यह पूरे अफ्रीका महाद्वीप में पाए जाते हैं। इनमें एशियाई चीते से मोटी हल्के भूरे और सुनहरे रंग की त्वचा तथा चेहरों पर धब्बों तथा रेखाओं की प्रधानता होती है। IUCN रेडलिस्ट में स्थिति: सुभेद्य (Vulnerable ) ।
  • एशियाई : अफ्रीकी चीतों से थोड़े छोटे होते हैं। हल्के पीले रंग की त्वचा तथा शरीर के नीचे विशेष रूप से पेट पर अधिक बाल होते हैं। यह केवल ईरान में पाए जाते हैं, देश द्वारा यह दावा किया जाता है कि अब यहाँ केवल 12 चीते शेष हैं। वर्ष 1952 एशियाई चीता को आधिकारिक रूप से भारत से विलुप्त घोषित किया गया। IUCN रेडलिस्ट में स्थिति : घोर संकटग्रस्त (Critically Endangered) ।

स्रोत – पी.आई.बी.

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