चीता टास्क फोर्स का गठन
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने एक चीता टास्क फोर्स का गठन किया है।
इसका उद्देश्य मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य उपयुक्त निर्धारित क्षेत्रों में चीते के पुनर्वास की निगरानी करना है।
हाल ही में, नामीबिया से 5 मादा और 3 नर चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था।
टास्क फोर्स को निम्नलिखित कार्य सौंपे गए हैं–
- चीतों के स्वास्थ्य की स्थिति की समीक्षा, प्रगति और निगरानी करना;
- चीतों के शिकार कौशल और परिवेश के प्रति अनुकूलन की निगरानी करना;
- जागरूकता बढ़ाने के लिए चीता मित्रों और स्थानीय समुदायों के साथ नियमित रूप से संपर्क स्थापित करना।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) चीता टास्क फोर्स के कामकाज को सुगम बनाएगा। साथ ही, सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
NTCA पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है। इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अधीन गठित किया गया है।
चीता पुनर्वास का महत्व–
- इससे जैव विविधता के क्षरण और तेजी से हो रहे नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी।
- एक शीर्ष शिकारी को वापस लाने से ऐतिहासिक विकासवादी संतुलन की पुनर्स्थापित होगी। इसके परिणामस्वरूप, पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न स्तरों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
- चीते को फिर से बसाकर हम इसके शिकार आधार (जिसमें से कुछ प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं) को बचाने में में सक्षम होंगे। साथ ही, घास के मैदानों की अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों और खुले वनों के पारितंत्र को भी बचाने में भी समर्थ होंगे।
स्रोत – द हिंदू