संयुक्त राज्य अमेरिका में कोशिका-संवर्धित चिकन के निर्माण और विक्रय को मंजूरी

संयुक्त राज्य अमेरिका में कोशिका-संवर्धित चिकन के निर्माण और विक्रय को मंजूरी

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोशिका-संवर्धित चिकन के निर्माण और विक्रय को मंजूरी दी है।

कोशिकीय कृषि (Cellular Agriculture )एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पशुओं के स्थान पर कोशिका संवर्धन (Cell Cultures) से पशु-आधारित उत्पादों का उत्पादन किया जाता है।

इस प्रक्रिया में निम्नलिखित दो अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं:

  • कोशिका संवर्धन :(कोशकीय), और
  • सूक्ष्म किण्वन: (अकोशिकीय- दूध जैसे अंतिम उत्पाद में कोई कोशकीय या जीवित पदार्थ नहीं होता है) । वर्ष 2020 में सिंगापुर ने कोशिका-संवर्धित मांस की बिक्री को मंजूरी दी थी। ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया है ।

कोशिका – संवर्धित मांस के लाभ:

  • ग्रीन हाउस गैस (GHG) के उत्सर्जन में कमी: खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, कुल मानव जनित GHG उत्सर्जन में वैश्विक पशुधन की हिस्सेदारी 5% है।
  • पारंपरिक गोमांस की तुलना में लैब में मांस बनाने के लिए 45 प्रतिशत कम ऊर्जा की आवश्यकता होगी। पशु अधिकारों की रक्षा हो पाएगी।
  • लोगों को अपनी आहार संबंधी आदतों को बदलने की आवश्यकता नहीं होगी और उन्हें पोषण संबंधी सुरक्षा भी प्राप्त हो पाएगी।
  • इसमें वसा की मात्रा को कम करके इसे पशु आधारित उत्पादों की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक बनाया जा सकता है।

कोशिका संवर्धित मांस से जुड़ी चुनौतियां:

  • कोशिका-संवर्धित मांस की कीमत निकट भविष्य में ऊंची रहने की उम्मीद है।
  • उच्च गुणवत्ता वाली कोशिकाओं की सीमित उपलब्धता और उपयुक्त विकास-परिवेश संबंधी बाधाएं मौजूद हैं ।
  • गोजातीय मांस के समान स्वाद, बनावट, वसा सामग्री आदि तैयार करने में कठिनाई हो सकती है ।
  • जागरूकता की कमी के कारण उपभोक्ताओं में इसकी स्वीकृति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

स्रोत – द हिन्दू

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