भारतीय चाय उद्योग को एक वैश्विक ब्रांड बनाया जाएगा

भारतीय चाय उद्योग को एक वैश्विक ब्रांड बनाया जाएगा

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय चाय उद्योग को बढ़ावा देने, उभरती चुनौतियों का समाधान करने और इसे एक वैश्विक ब्रांड बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

भारतीय चाय निर्यात अलग-अलग भू–राजनीतिक, भू-आर्थिक और लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

इसके बावजूद भी यह 883 मिलियन डॉलर के निर्धारित निर्यात लक्ष्य के 95 प्रतिशत से अधिक की प्राप्ति कर सकता है ।

मंत्रालय के अनुसार, भारतीय चाय के लिए एक उत्कृष्ट ब्रांड बनाने और चाय उद्योग से जुड़े परिवारों के कल्याण हेतु कई कदम उठाए गए हैं ।

चाय उद्योग

  • भारत, विश्व में चीन के बाद चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
  • साथ ही, भारत काली चाय (ब्लैक टी ) का सबसे बड़ा उत्पादकऔर उपभोक्ता भी है।
  • चाय की खेती और निर्यात को भारतीय चाय बोर्ड विनियमित करता है। यह 1.16 मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है ।
  • लघु चाय उत्पादक कुल चाय उत्पादन का 52 प्रतिशत उत्पादित करते हैं।

भारत में उगाई जाने वाली चाय की प्रमुख किस्में हैं:

  • दार्जिलिंग चाय, असम चाय, नीलगिरी चाय, कांगड़ा चाय आदि ।
  • दार्जिलिंग चाय भौगोलिक संकेतक ( GI) टैग प्राप्त करने वाला पहला भारतीय उत्पाद था ।

भारतीय चाय बोर्ड

  • वर्तमान चाय बोर्ड की स्थापना चाय अधिनियम -1953 के तहत की गई है, और इसका मुख्यालय कोलकातामें है ।
  • इसका लक्ष्य भारत को वैश्विक बाजार में गुणवत्तापूर्ण चाय का प्रमुख उत्पादक और आपूर्तिकर्ता बनाना।
  • साथ ही क्षमता निर्माण और नवाचार को सुगम बनाने के लिए प्रभावी प्रबंधन रणनीतियां निर्मित करना ।
  • संरचनाः अध्यक्ष सहित इसके 31 सदस्य हैं। सदस्यों में संसद सदस्य, चाय उत्पादक, चाय के व्यापारी, चाय उत्पादक – व्यापारी मध्यस्थ, उपभोक्ता तथा चाय उत्पादक प्रमुख राज्यों की सरकारों के प्रतिनिधि और ट्रेडयूनियन के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • कार्यकालःहर तीन साल में बोर्ड का पुनर्गठन किया जाता है।

चाय की खेती के लिए आदर्श जलवायु

  • तापमानः16 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच ।
  • वार्षिक वर्षा : वर्ष के 8-9 महीनों के दौरान 125 से 150 सेमीवर्षा ।
  • वायुमंडलीय आर्द्रताः 80 प्रतिशत ।
  • क्षेत्रः इसके बागान औसत समुद्र तल से 600 से 2200 मीटर की ऊँचाई वाली पहाड़ियों पर होते हैं। असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक आदि प्रमुख चाय उत्पादक राज्य हैं ।

स्रोत – पी.आई.बी.

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