चक्रवात बिपरजॉय
हाल ही में चक्रवात बिपरजॉय अपना मार्ग बदलकर गुजरात तट से टकरा गया है, जिसके कारण गुजरात में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
चक्रवात बिपारजॉय पहले पाकिस्तान के तट की ओर बढ़ रहा था। हालांकि, अब इसके 15 जून को उत्तरी गुजरात तट से टकराने का पूर्वानुमान जारी किया गया है ।
अरब सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवात आमतौर पर भारतीय तट की ओर नहीं बढ़ते हैं।
इनमें से लगभग 75% से अधिक चक्रवात उत्तर या उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए पाकिस्तान, ईरान या ओमान तट पर पहुंचते हैं।
एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 2001 – 2019 की अवधि में अरब सागर में आने वाले चक्रवाती तूफानों की आवृत्ति में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके कारण भारत का पश्चिमी तट अधिक संवेदनशील हो गया है ।
अरब सागर में चक्रवाती तूफानों में होने वाली वृद्धि के निम्नलिखित कारण हैं-
- अरब सागर में समुद्री सतह और गहरे जल दोनों के तापमान में वृद्धि हो रही है ।
- बढ़ता तापमान चक्रवातों को अधिक प्रबल बनाने के लिए बहुत अनुकूल होता है। इससे चक्रवात लंबी अवधि तक शक्तिशाली बने रह जाते हैं।
- अल नीनो मोडोकी परिघटना की आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। इससे अरब सागर के ऊपर चक्रवात निर्माण के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं।
- एल नीनो मोडोकी के कारण मध्य प्रशांत क्षेत्र में उष्ण-आर्द्र तथा पूर्वी और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में शुष्क-शीत परिस्थितियां निर्मित होती हैं ।
- बिपोरजॉय अरब सागर में का चक्रवाती तूफान है। इसका नामकरण बांग्लादेश द्वारा किया गया है। बिपोरजॉय शब्द का अर्थ बंगाली में ‘डिजास्टर’ या ‘क्लेमिटी’ होता है ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस