बंगाल की खाड़ी के दक्षिण–पूर्वी क्षेत्रों में विकसित हुआ चक्रवात ‘आसानी’
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात आसानी एक ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ में बदल जाएगा। यह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में विकसित हुआ है।
असानी, वर्ष 2022 में उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में पहला चक्रवाती तूफान है।
इस चक्रवात को यह नाम श्रीलंका ने दिया है। सिंहली भाषा में असानी का अर्थ “क्रोध” होता है।
असानी के बाद बनने वाले चक्रवात को “सितरंग” कहा जाएगा। यह थाईलैंड द्वारा दिया गया नाम है।
भारत द्वारा नामित आगामी चक्रवात हैं; घूर्णी, प्रोबाहो, झार और मुरासु ।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात विनाशकारी तूफान होते हैं। ये भूमध्य रेखा के निकट गर्म समुद्री जल से उत्पन्न होते हैं।
इनके निर्माण के लिए निम्नलिखित अनुकूल परिस्थितियां हैं–
- 27°C से अधिक तापमान वाली बड़ी समुद्री सतह।
- कोरिओलिस बल की उपस्थिति।
- ऊर्ध्वाधर पवन की गति में आंशिक बदलाव।
- पहले से मौजूद कमजोर निम्न दबाव का क्षेत्र या निम्न स्तर का चक्रवाती परिसंचरण।
- समुद्र तल प्रणाली के ऊपर ऊपरी अपसरण (Upper divergence)
चक्रवात का नामकरण
- छह क्षेत्रीय विशेषीकृत मौसम विज्ञान केंद्रों (RSMC) को चक्रवाती तूफानों पर सलाह जारी करने और इनका नामकरण करने की शक्ति दी गयी है।
- इन केंद्रों में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्र शामिल हैं।
- बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातों का नामकरण सितंबर 2004 में शुरू हुआ था।
स्रोत –द हिन्दू