NTPC ने भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण कार्यक्रम शुरू किया
नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC) ने भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना प्रारंभ की है।
यह कार्यक्रम सूरत के कवास कस्बे में स्थित नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC) में शुरू किया गया है। यह परियोजना NTPC तथा गुजरात गैस लिमिटेड (GGL) का संयुक्त प्रयास है।
NTPC और GGL ने 30 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला रखे जाने के बाद रिकॉर्ड समय में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को प्राप्त करने की दिशा में लगातार काम किया है।
मुख्य बिंदु
प्राकृतिक गैस अलग-अलग हाइड्रोकार्बन का संयोजन है। इसमें लगभग 95 प्रतिशत मीथेन और शेष अन्य हाइड्रोकार्बन शामिल हैं।
Piped Natural Gas–(PNG) वही प्राकृतिक गैस है, जिसे पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है।
हाइड्रोजन मिश्रण प्रक्रिया में मौजूदा प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में हाइड्रोजन की सांद्रता को समेकित किया जाता है। इस मिश्रण का उपयोग ऊष्मा और ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
विनियामक निकाय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) ने आरंभ में PNG, के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के 5 प्रतिशत वॉल्यूम / वॉल्यूम मिश्रण की मंजूरी दी है।
इसे चरणबद्ध रूप से 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
PNG के साथ हाइड्रोजन मिश्रण के लाभ
प्राकृतिक गैस के साथ मिलाए जाने पर ग्रीन हाइड्रोजन शुद्ध हीटिंग कंटेंट को समान रखते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
यह उपलब्धि केवल ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ गिने-चुने देशों द्वारा प्राप्त की गई है। यह भारत को वैश्विक हाइड्रोजन इकोनॉमी के केंद्र में लाएगा।
भारत न केवल अपने हाइड्रोकार्बन आयात बिल को कम करेगा बल्कि विश्व में ग्रीन हाइड्रोजन और हरित रसायनों का निर्यातक बन कर विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकता है।
प्रमुख चुनौतियां
यह धातु या पॉलीएथिलीन की पाइप को कमजोर कर सकता है और रिसाव के जोखिम को बढ़ा सकता है । साथ ही इसके आरंभिक चरण में अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी आदि ।
स्रोत – पी.आई.बी.