ग्रीन हाइड्रोजन के लिए रिएक्टर

ग्रीन हाइड्रोजन के लिए रिएक्टर

यदि भारत को वर्ष 2070 तक ‘शुद्ध-शून्य’ उत्सर्जन प्राप्त करना है, तो उसे परमाणु ऊर्जा उत्पादन की अपनीन क्षमता को 15,000 मेगावाट से बढ़ाकर वर्ष 2031 तक 22,480 मेगावाट करने के लिए कई अन्य परमाणु संयंत्रों की आवश्यकता होगी।

उच्च तापमान रिएक्टरों (HTRs) का उपयोग करके जल को गर्म करना और फिर इलेक्ट्रोलाइजर में जल को हाइड्रोजन व ऑक्सीजन में विभाजित करना, ऊर्जा प्रदान करने का एक लागत प्रभावी तरीका है।

भारतीय HTR विकास कार्यक्रम में दो तत्व थे:

प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए 100 kW (तापीय) व 1000 डिग्री सेल्सियस पोर्टेबल ‘कॉम्पैक्ट उच्च तापमान रिएक्टर’ (CHTR) तथा एक 600 मेगावाट (तापीय) व 1000 डिग्री सेल्सियस ‘भारतीय उच्च तापमान रिएक्टर-हाइड्रोजन’ या IHTR-HA।

ग्रीन हाइड्रोजन के बारे में-

  • ग्रीनहाइड्रोजन को किसी नवीकरणीय स्रोत (जैसे सौर फोटोवोल्टिक (PV) या पवन टरबाइन द्वारा उत्पादित विद्युत धारा का उपयोग करके जल के विद्युत अपघटन (electrolysis) के माध्यम से उत्पादित किया जाता है।
  • इसके संभावित अनुप्रयोगों में परिवहन, स्थायी विद्युत जैसे बैकअप पावर यूनिट और वहनीय अनुप्रयोग जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, मनोरंजक उपकरण आदि शामिल हैं।

भारत में किए गए उपाय

  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा रोडमैप का प्रवर्तन किया गया है।
  • वर्ष 2020 में, दिल्ली हाइड्रोजन युक्त सी.एन.जी. के साथ बसें संचालित करने वाला भारत का प्रथम शहर बन गया था।
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा लेह में हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित बस परियोजना आरंभ की जाएगी।
  • राष्ट्रीय जल विज्ञान पोर्टल लॉन्च किया गया है।

हाइड्रोजन के प्रकार

  • ग्रीन हाइड्रोजन: यह जल विद्युत, पवन और सौर ऊर्जा जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से विद्युतका उपयोग करके जल केविद्युत अपघटन द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन है। इसमें शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है।
  • पिंक/पर्पल/रेड हाइड्रोजन : हाइड्रोजन परमाणु ऊर्जा का उपयोग करके विद्युत अपघटन द्वाराउत्पादित हाइड्रोजन।
  • टरक्योइज (Turquoise) हाइड्रोजन: यह CO2, की बजाय मीथेन (मीथेन पायरोलिसिस) के तापीय विखंडन द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन, ठोस कार्बन का उत्पादन होता है।
  • ब्लैक/ग्रे हाइड्रोजन : स्टीम-मीथेनरिफॉर्मिंग का उपयोग करके प्राकृतिक गैस से निष्कर्षित हाइड्रोजन।
  • यलो हाइड्रोजन : ग्रिड से प्राप्त विद्युत काउपयोग करके विद्युत अपघटन द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन।
  • व्हाइट हाइड्रोजन : औद्योगिकप्रक्रियाओं के उपोत्पाद के रूप में उत्पादितहाइड्रोजन
  • ब्लू हाइड्रोजन : ‘धूसर या भूरे रंग का ऐसाहाइड्रोजन, जिसकी co, प्रच्छादित या पुनः प्रयोज्यहो।
  • ब्राउन हाइड्रोजन: जीवाश्म ईंधन से निष्कर्षित हाइड्रोजन आम तौर पर गैसीकरण का उपयोग करके कोयले से निष्कर्षित की जाती है।

स्रोत – द हिन्दू

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