भारत –जर्मनी ‘ग्रीन डील’ समझौता
हाल ही में भारत और जर्मनी ने स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 10.5 अरब डॉलर के हरित समझौते (ग्रीन डील) पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत और जर्मनी के बीच छठे अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) का पूर्ण सत्र बर्लिन में आयोजित किया गया। इसके समापन पर दोनों देशों ने हरित और सतत विकास भागीदारी की स्थापना हेतु आशय की संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये।
इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय, त्रिपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है। साथ ही, जलवायु संरक्षण की दिशा में कार्रवाइयों में तेजी लाना है।
ग्लासगो में आयोजित COP26 सम्मेलन के दौरान भारत और जर्मनी ने जलवायु लक्ष्यों की घोषणा की थी। इन घोषित जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति की अवधि वर्ष 2030 में समाप्त होगी। इस प्रकार, यह संयुक्त घोषणा दोनों देशों को अपने-अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।
इस साझेदारी के तहत निम्नलिखित सहयोग क्षेत्रों को शामिल किया गया है:
- भारत–जर्मनी ग्रीन हाइड्रोजन रोडमैप का विकासः यह रोडमैप भारत-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन कार्यबल द्वारा दिए गए इनपुट पर आधारित होगा। इसे भारत-जर्मन ऊर्जा मंच (IGEP) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
- भारत–जर्मनी अक्षय ऊर्जा साझेदारी की स्थापनाः इसमें नवोन्मेषी सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। “कृषि पारिस्थितिकी और प्राकृतिक संसाधनों के संधारणीय प्रबंधन” पर एक पथ प्रदर्शक सहयोग स्थापित किया जायेगा।
- बॉन चैलेंज के तहत वन परिदृश्य को बहाल करने में सहयोग को बढ़ाया जाएगा।
- हरित ऊर्जा गलियारों पर सहयोग बढ़ानाः लेह-हरियाणा ट्रांसमिशन लाइन और कार्बन न्यूट्रल लद्दाख की परियोजना कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।
कुछ अन्य पहलों की घोषणा
- ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पर भारत–जर्मनी साझेदारी: यह साझेदारी मेट्रो, लाइट मेट्रो आदि जैसे परिवहन के सतत साधनों के एकीकरण को समर्थन प्रदान करेगी।
- नीति आयोग–BMZ डायलॉगः इसका उद्देश्य शहर स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के स्थानीयकरण को मजबूत करना है।
स्रोत –द हिन्दू