ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHGs) की निगरानी लिए ग्लोबल ट्रैकर को मंजूरी
हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHGs) की निगरानी लिए ग्लोबल ट्रैकर को मंजूरी दी है।
- विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस ने एक नई GHGs निगरानी पहल ‘ग्लोबल ग्रीन हाउस गैस वॉच (GGGW) को मंजूरी प्रदान की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य वायुमंडल में हीट- ट्रैपिंग (ऊष्मा धारक) गैसों को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई में मदद करना है।
- यह पहल अंतरिक्ष और भूमि स्थित सभी पर्यवेक्षण प्रणालियों तथा मॉडलिंग (प्रतिरूपण) और डेटा समावेशन सुविधाओं को एक ही तंत्र के अधीन करेगी।
- वर्तमान में, GHGs के भूमि और अंतरिक्ष से पर्यवेक्षण या मॉडलिंग संबंधी उत्पादों को समय पर तथा व्यापक रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साझा करने के लिए कोई प्रणाली मौजूद नहीं है ।
- GGGW, ग्लोबल एटमॉस्फियर वॉच (GAW) और इसकी इंटीग्रेटेड ग्लोबल ग्रीन हाउस गैस इंफॉर्मेशन सिस्टम पर आधारित होगा । GAW को विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने 1989 में स्थापित किया था ।
GGGW में निम्नलिखित चार मुख्य घटक होंगे:
- कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4) और नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) की सांद्रता की निगरानी के लिए भूमि-आधारित तथा उपग्रह–आधारित पर्यवेक्षणों का एक व्यापक, निरंतर एवं वैश्विक सेट ।
- गतिविधि संबंधी डेटा और प्रक्रिया – आधारित मॉडल्स (प्रतिरूप) के आधार पर GHG उत्सर्जन का पूर्वानुमान ।
- GHG चक्रों को दर्शाने वाले वैश्विक हाई – रिज़ॉल्यूशन ‘पृथ्वी प्रणाली’ मॉडल्स का एक सेट।
- मॉडल और डेटा समावेशन प्रणाली के साथ संबद्ध एक तंत्र, जो पर्यवेक्षणों को आदर्श गणनाओं के साथ बेहतर तरीके से संयोजित करेगी। इससे उच्च सटीक उत्पाद प्राप्त होंगे।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)
- इसकी स्थापना 1950 में WMO कन्वेंशन को अपनाने के बाद एक अंतर सरकारी संगठन के रूप में की गई थी। इसकी उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है, जिसकी स्थापना 1873 में हुई थी।
- उद्देश्य:यह पृथ्वी के वातावरण की स्थिति और व्यवहार, भूमि एवं महासागरों के साथ इसकी अंतः क्रिया और इसके द्वारा उत्पन्न मौसम व जलवायु तथा इनके परिणामस्वरूप जल संसाधनों के वितरण पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय के प्रति समर्पित एक संस्था है।
- 193 सदस्य देश और राज्यक्षेत्र सहित भारत भी इसका सदस्य है।इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड)में स्थित है ।
स्रोत – डाउन टू अर्थ