ग्राफीन के मैग्नेटो रेजिस्टेंस संबंधी एक नवीन शोध में आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त हुए

ग्राफीन के मैग्नेटो रेजिस्टेंस संबंधी एक नवीन शोध में आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त हुए

हाल ही में, नोबेल पुरस्कार विजेता आंद्रे गीम ने पाया कि ग्राफीन कमरे के तापमान पर एक विषम किंतु विशाल मैग्नेटो रेजिस्टेंस (GMR) प्रदर्शित करता है।

  • GMR एक सुचालक (दो सामग्रियों के बीच मौजूद) के विद्युत प्रतिरोध का परिणाम है, जो निकटस्थ सामग्रियों के चुंबकीय क्षेत्रों से प्रभावित हो रहा होता है।
  • जब सामग्रियों को एक ही दिशा में चुम्बकित किया जाता है, तो सुचालक में विद्युत प्रतिरोध कम हो जाता है । जब दिशाएं एक दूसरे के विपरीत होती हैं, तो प्रतिरोध बढ़ जाता है।

GMR के अनुप्रयोग:

  • कंप्यूटर, बायोसेंसर, ऑटोमोटिव सेंसर, माइक्रो इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम और मेडिकल इमेजर्स में हार्ड डिस्क ड्राइव तथा मैग्नेटो रेजिस्टिव रैम में।
  • नए अध्ययन में पाया गया है कि ग्राफीन – आधारित उपकरणों को चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाने के लिए बहुत कम तापमान पर ठंडा करने की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि इसके विपरीत पारंपरिक समकक्ष उपकरणों में ऐसा करना पड़ता है।

ग्राफीन के बारे में

  • ग्राफीन कार्बन का एक अपरूप है। इसमें कार्बन परमाणुओं की एकल परत (मोनोलेयर) होती है। ये परमाणु मधुमक्खी के षट्कोणीय छत्ते जैसी जाली में कसकर बंधे होते हैं।
  • इसे ग्रेफाइट से प्राप्त किया जाता है। यह विशेष भौतिक-रासायनिक गुणों को प्रदर्शित करता है जैसे: उच्च पृष्ठीय क्षेत्र, बेहतर जैव – अनुकूलता, प्रबल यांत्रिक शक्ति, उत्कृष्ट तापीय चालकता और तीव्र इलेक्ट्रॉन प्रवाह।

स्रोत – द हिन्दू 

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course