ग्राफीन- औरोरा कार्यक्रम
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने केरल के मेकर विलेज ‘कोंच्चि’ में एक समारोह में ‘ग्राफीन – औरोरा कार्यक्रम (Graphene Aurora program) को आरंभ किया है।
प्रस्तावित परियोजना का उद्देश्य कार्बन के मूल्यवान अपरूप (allotrope) ग्राफीन के उत्पादन को बढ़ावा देना है, जो देश के तकनीकी क्षेत्र में नवाचार का एक नया अध्याय स्थापित करेगा।
इस कार्यक्रम को डिजिटल यूनिवर्सिटी केरल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और केरल सरकार और उद्योग भागीदारों के संयुक्त वित्त पोषण के साथ कार्यान्वित किया जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास के रूप में उत्कृष्टता की एक ग्राफीन-निर्माण यूनिट शीघ्र ही कलामासेरी के मेकर गांव में शुरू की जाएगी।
‘इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (I-GEIC)’ नामक एक सेक्शन 8 कंपनी (गैर- लाभकारी) की स्थापना की जाएगी, और इसका प्रारंभिक ऑपरेशन तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क में केरल सरकार की हाल ही में खोली गई फैसिलिटी से शुरू होगा।
मेकर विलेज (Maker Village)
- बता दें कि मेकर विलेज (Maker Village) देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर इनक्यूबेटर और ESDM सुविधा है।
- मेकर विलेज भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक अग्रणी स्टार्टअप पहल है।
ग्राफीन क्या है ?
ग्राफीन एक हेक्सागोनल जाली में व्यवस्थित कार्बन परमाणुओं की एक एकल परत है, जो एक द्वि-आयामी संरचना बनाती है। यह असाधारण ताकत, विद्युत चालकता और तापीय चालकता सहित अपने उल्लेखनीय गुणों के लिए जाना जाता है।
ग्राफीन के उपयोग :
- ग्राफीन की अनूठी विशेषताएं इसे विभिन्न उद्योगों में विभिन्न संभावित अनुप्रयोगों के साथ एक बहुमुखी सामग्री बनाती हैं।
- इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स में तेज और अधिक कुशल उपकरण बनाने के लिए ,
- सामग्री विज्ञान में कंपोजिट को मजबूत करने के लिए,
- ऊर्जा भंडारण में बैटरी प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए, और चिकित्सा क्षेत्रों में दवा वितरण और बायोसेंसर के लिए अन्य उपयोगों के लिए किया जाता है।
स्रोत – पी.आई.बी.