‘गोरखपुर हरियाणा’ परमाणु विद्युत परियोजना (GHAVP)
हाल ही में हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में राज्य का पहला परमाणु विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
निर्माणाधीन गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (GHAVP) में 700 मेगावाट विद्युत (MWe) क्षमता की दो इकाइयां होंगी। इनमें से प्रत्येक इकाई में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (PHWR) का प्रयोग किया जाएगा ।
भारत के तीन चरणों वाले परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की परिकल्पना डॉ. होमी भाभा ने की थी। यह कार्यक्रम एक बंद (closed) नाभिकीय ईंधन चक्र पर आधारित है ।
- चरण-I: प्राकृतिक यूरेनियम से संचालित PHWRs, प्लूटोनियम – 239 का उत्पादन करेंगे। PHWRs में भारी जल (D2O) का उपयोग मंदक (Moderator) और शीतलक (Coolant) के रूप में किया जाता है ।
- चरण-II: फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में पहले चरण से प्राप्त प्लूटोनियम-239 का ईंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा और यूरेनियम-238 का उत्पादन किया जाएगा।
- चरण-III: थोरियम के उपयोग के लिए अत्याधुनिक परमाणु ऊर्जा प्रणालियां विकसित की जाएंगी ।
वर्ष 2013 में भारत सफलतापूर्वक चरण – I में पहुंच गया था । प्रथम चरण की तकनीक के आधार पर देश के 7 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में 22 से अधिक परमाणु रिएक्टर्स (18 PHWRs और 4 लाइट वाटर रिएक्टर्स) का संचालन किया जा रहा है।
भारत इस समय त्रिस्तरीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के दूसरे चरण में है । भारत की वर्तमान परमाणु विद्युत क्षमता 6,780 मेगावाट है। इसके 2031 तक बढ़कर 22,480 मेगावाट हो जाने की उम्मीद है। परमाणु ऊर्जा भारत के लिए विद्युत का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत है ।
परमाणु ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम–
- परमाणु ऊर्जा संशोधन अधिनियम, 2015 पारित किया गया है। यह अधिनियम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को संयुक्त उपक्रम बनाने की अनुमति देता है ।
- परमाणु नुकसान के लिए सिविल दायित्व (CLND) अधिनियम, 2010 से संबंधित मुद्दों का समाधान किया गया है। इसके अलावा, भारतीय परमाणु बीमा पूल की स्थापना की गई है।
स्रोत – पी.आई.बी.